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Ram Mandir: 15 किलो सोना, 18 हजार हीरे और पन्ना... सिर्फ 12 दिन में ऐसे बनकर तैयार हुए रामलला के आभूषण

रामलला के आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद् वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के बाद किया गया है. भगवान राम के आभूषण बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार हीरे और पन्ना का इस्तेमाल किया गया है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हो गई है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हो गई है
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 23 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही 500 वर्षों का इंतजार खत्म हो गया है. सोमवार को पूरे विधि-विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. दुनियाभर के करोड़ों भक्त इस पल का वर्षों से इंतजार कर रहे थे. अपने दिव्य-भव्य स्वरूप के साथ अब रामलला सभी के सामने हैं. रामलला को कई दिव्य आभूषणों और पौराणिक कथाओं में वर्णित उनके स्वरूप के आधार पर वस्त्रों से सुसज्जित किया गया है.

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रामलला के आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद् वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के बाद किया गया है. भगवान राम के आभूषण बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार हीरे और पन्ना का इस्तेमाल किया गया है. तिलक, मुकुट, 4 हार, कमरबंद, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठी समेत कुल 14 आभूषण तैयार कराए गए हैं. ये आभूषण सिर्फ 12 दिन में बनकर तैयार हुए हैं.

लखनऊ के ज्वैलर ने तैयार किए आभूषण

इन आभूषणों को तैयार करने की जिम्मेदारी लखनऊ के हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स को सौंपी गई थी. जानकारी के मुताबिक ज्वैलर से करीब 15 दिन पहले श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने संपर्क किया था. भगवान राम के मुकुट में सबसे पहले भगवान सूर्य का चिह्न बनाया गया क्योंकि भगवान राम सूर्यवंशी थे. राजसी शक्ति का प्रतीक पन्ना को मुकुट के केंद्र में लगाया गया है. भगवान राम के मुकुट को राजा के बजाए एक 5 साल के बालक की पगड़ी के तौर पर तैयार किया गया है.

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मुकुट बनाने के थे खास निर्देश

इतना ही नहीं, मुकुट में उत्तर प्रदेश के राजकीय चिह्न मछली को भी बनाया गया. राष्ट्रीय पक्षी मोर भी इस पर बनाया गया है. जब ज्वैलर को ट्रस्ट ने भगवान का मुकुट बनाने के लिए आमंत्रित किया तो उनसे ट्रस्ट ने शर्त रखी थी कि मुकुट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि भगवान राम एक 5.5 साल के बालक हैं. इसलिए जैसे 5.5 साल तक के बालक की वेशभूषा और आभूषण होते हैं वैसा ही मुकुट होना चाहिए.

अब जानते हैं रामलला के आभूषणों की विशेषता-

मुकुट

भगवान राम का मुकुट 1 किलो 700 ग्राम के सोने का बनाया गया है, जिसमें 75 कैरेट डायमंड, लगभग 175 कैरेट Zambian Emerald पन्ना, लगभग 262 कैरेट रूब, माणिक्य लगाया गया है. मुकुट के बीच भगवान राम के सूर्यवंश के प्रतीक भगवान सूर्य का चिन्ह बनाया गया. मुकुट में लगाए गए हीरे शुद्ध और सैकड़ों साल पुराने हैं जो पवित्रता और सत्यता का प्रतीक हैं. मुकुट के पीछे का भाग 22 कैरेट सोने का बनाया गया है और लगभग 500 ग्राम वजन का है. 

तिलक

भगवान का तिलक 16 ग्राम सोने का है.  इसके मध्य में तीन कैरेट हीरे और दोनों तरफ लगभग 10 कैरेट के हीरे लगाए गए हैं. तिलक के मध्य में जो माणिक्य इस्तेमाल हुआ है वह Burmese रूब बर्मी माणिक्य है.

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पन्ना की अंगूठी

भगवान राम को एक पन्ना की अंगूठी भी पहनाई गई है, जिसका वजन 65 ग्राम है. इसमें 4 कैरेट हीरे और 33 कैरेट पन्ना लगाया गया है. अंगूठी के बीच में गहरे हरे रंग का जांबियन पन्ना लगाया गया है, जो भगवान के वन गमन, सौहार्द्र और भगवान राम की बुद्धिमता का प्रतीक है.

माणिक्य अंगूठी

भगवान के दाहिने हाथ में 26 ग्राम सोने की माणिक्य की अंगूठी है जिसमें माणिक्य के साथ-साथ हीरे भी लगे हैं.

छोटा हार

भगवान राम के गले में करीब 500 ग्राम का सोने का हार है. भगवान राम के इस हार में करीब 150 कैरेट माणिक्य और लगभग 380 कैरेट पन्ना लगाए गए हैं. हार के मध्य में सूर्यवंश का चिन्ह और जिसने पन्ना, माणिक्य और हीरे से फूलों को बनाया गया.

पंचलडा

भगवान राम का दूसरा हार पंचलड़ा है. पंचलड़ा का वजन 660 ग्राम है और जिसमें लगभग 80 हीरे, 550 कैरेट लगभग पन्ना लगाए गए है. हार में पांच लडिया पंच तत्व को दिखाती है.

विजय माला

भगवान राम लला के गले में सबसे बड़ा हार विजयमाला है. इसका वजन लगभग 2 किलो है जो 22 कैरेट सोने से बना है. भगवान की विजय माला में हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्नों को दर्शाया गया है. पंच पवित्र पुष्प कमल, कुंड, पारिजात, चंपा और तुलसी जो पंचभूत और भगवान राम के प्रकृति प्रेम को बताते हैं, उन्हें हार के मध्य में बनाया गया है. इसके साथी शंख चक्र को भी इस हार में दर्शाया गया है. हार की लंबाई ऐसी राखी आई है कि वो भगवान राम के चरणों को छू रहा है जो उनके चरणों में भक्ति और मानव कल्याण को दिखाता है.

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कमरबंद

5.5 के साल के बाल रूप भगवान राम की कमर को सजाने के लिए 750 ग्राम सोने का कमरबंद बना है. इसमें 70 कैरेट हीरे और करीब 850 कैरेट माणिक्य, पन्ना लगाए गए हैं. पौराणिक काल से ही कमरबंद राजसी कुंवर का आभूषण होता रहा है जो राजसी वैभव को भी दिखाता है.

बाजू बंद

राम लाल के नन्हे बाजुओ के लिए 22 कैरेट गोल्ड के 400 ग्राम के बाजूबंद बनाए गए हैं.

कंगन

भगवान राम के नन्हे हाथों में 850 ग्राम के दो कंगन पहनाए गए हैं.. जिसमें करीब 100 हीरे और 320 पन्ना माणिक्य लगे हैं.

पग खडुआ

भगवान राम के नन्हे पैरों के लिए 400 ग्राम सोने के 55 कैरेट हीरे और 50 कैरेट पन्ना आदि जड़ित खडुआ बनाए गए हैं.

चांदी के खिलौने

भगवान राम 5.5 साल के बालक है तो उनके लिए खिलौने भी है. चांदी का घोड़ा हाथी ऊंट झुनझुना लट्टू बनाए गए हैं.

धनुष बाण

बाल रूप है लेकिन है धनुर्धारी, तो बाल रूप भगवान राम के धनुष बाण भी हैं. भगवान राम के धनुष बाण 24 कैरेट के 1 किलो सोने के धनुष बाण बनाए गए हैं.

खास तरीके से तैयार हुए रामलला के वस्त्र 

रामलला पर बनारसी वस्त्र के पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के पटुके / अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं. इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की ज़री और तारों से काम किया गया है, जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं. इन वस्त्रों का निर्माण श्रीअयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के वस्त्र निर्माता मनीष त्रिपाठी ने किया है.

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मनीष त्रिपाठी ने बताया कि रामलला का बेसिक कॉन्सेप्ट ये था कि वह पांच वर्षीय बालक हैं, राजा दशरथ के पुत्र हैं तो भगवान हैं, तो उनके वस्त्र कैसे होंगे. क्या पसंद हो सकता है. कपड़ा मुलायम होना चाहिए. इन सब बारीकियों पर ध्यान दिया. रिसर्च की और ये कपड़े ऑथेंटिक लगें इनका ध्यान रखा. इसके अलावा जो ट्रस्ट और मंदिर से मानक मिले थे, उनपर काम किया. इस तरह भगवान के वस्त्र तैयार हुए.

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