Advertisement

राम मंदिर में कैसी होगी व्यवस्था? श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहली बार किया खुलासा

राम मंदिर ट्रस्ट ने निर्माण प्रक्रिया से लेकर मंदिर में प्रवेश के रास्ते समेत दर्शनार्थियों की सुविधा और प्रसाद वितरण के तरीके जैसी पूरी व्यवस्था का पहली बार खुलासा कर दिया है. आज हम आपको अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण और उसकी व्यवस्था के हर एक पहलू के बारे में विस्तार से बताते हैं-

राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है (फाइल फोटो-PTI) राम मंदिर का निर्माण जोरों पर है (फाइल फोटो-PTI)
बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अक्टूबर 2023 तक पूरा कर लेगा. हालांकि रामलला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में सूर्य के उत्तरायण में होने के बाद मकर संक्रांति के बाद होगी, जिसके भव्य समारोह में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग शामिल होंगे. इस पर चर्चा भी शुरू हो गई है.

राम मंदिर ट्रस्ट ने निर्माण प्रक्रिया से लेकर मंदिर में प्रवेश के रास्ते समेत दर्शनार्थियों की सुविधा और प्रसाद वितरण के तरीके जैसी पूरी व्यवस्था का पहली बार खुलासा कर दिया है. आज हम आपको अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण और उसकी व्यवस्था के हर एक पहलू के बारे में विस्तार से बताते हैं- 

Advertisement

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना है. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने इसके लिए जो समय सीमा तय की है, वह दो माह पूर्व यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.
 
अब आपको उत्सुकता होगी कि मौजूदा समय में राम मंदिर का निर्माण कहां तक पहुंचा? आज हम निर्माण की पूरी प्रक्रिया आपको समझाते हैं. गर्भ गृह के पास जो तराशे गए पत्थर के खंभे खड़े किए गए हैं, वह तो लगभग 5 फीट ही है, लेकिन मंदिर के चारों तरफ जो खंभे खड़े किए गए हैं, उनकी ऊंचाई लगभग 15 फीट तक पहुंच गई है.

Advertisement

यह खंभे एक के ऊपर एक खड़े किए जा रहे है. मन्दिर की छत तक ऐसे 7 खंभों को जोड़ा जाएगा. ट्रस्ट का दावा है कि खंभों को इस तरह जोड़ा जा रहा है कि उन्हें देखकर यह समझना मुश्किल होगा कि इनका जोड़ कहां पर है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि सभी दिशाओं में एक साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे.

चंपत राय ने बताया कि कहीं बढ़ गए कहीं घट गए ऐसा नहीं है, एक एरिया तय करते हैं, उसका लेवल ठीक बनता जाए, लेवल का अंतर नहीं आना चाहिए ,1 मिलीमीटर का भी अंतर ना रहे... इसकी कोशिश है और मैं ऐसा कह सकता हूं आप जब मंदिर के खंभों को देखेंगे आपको यह खोजना कठिन हो जाएगा कि मंदिरों में जोड़ कहां है.

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. साथ ही साथ मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर काम खदान के पास ही कार्यशाला में कराया जा रहा है, चित्रकारी पूर्ण नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

श्रीराम मंदिर में प्रवेश का मुख्य मार्ग रामपथ से जुड़ा भक्ति मार्ग होगा, जिसका निर्माण चल रहा है. इसमें सबसे पहले यात्री सेवा केंद्र मिलेगा. अभी फिलहाल 25 हजार दर्शनार्थियों के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है. आने वाले कुछ सालों में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इसे 100000 लोगों की क्षमता तक बढ़ाने की व्यवस्था है.

Advertisement

श्रीराम मंदिर में प्रवेश के पहले यात्री सुविधा केंद्र मिलेगा. यहीं पर सिक्योरिटी पॉइंट भी होगा जहां पर श्रद्धालुओं की चेकिंग और सामानों की स्क्रीनिंग की जाएगी. यहां पर श्रद्धालुओं को बैठने, विश्राम करने, लाकर में सामान रखने और दैनिक दिनचर्या पूरी करने की व्यवस्था होगी. 25000 यात्रियों का सामान कलेक्ट करने का सुविधा रखा जाएगा.

अभी अस्थाई श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रसाद चढ़ाने पर रोक है, जो मंदिर निर्माण के बाद भी जारी रहेगा. हालांकि श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद मंदिर की तरफ से प्रसाद मिलेगा. यह प्रसाद मिठाई की शक्ल में होगा या कुछ और? इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है लेकिन जो भी प्रसाद दिया जाएगा, वह अगले 15 दिनों तक खराब ना होगा.

अब यह भी जान लीजिए कि 14 जनवरी 2024 के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर में जब राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो उस समय किस तरह का समारोह होगा? कितने लोग उसमें शामिल होंगे और कितना भव्य होगा? श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने इसका भी खुलासा कर दिया है. बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस भव्य कार्यक्रम को लेकर भी मंथन शुरू हो चुका है और इसको लेकर ट्रस्ट ने चुनिंदा लोगों से विचार-विमर्श भी शुरू कर दिया है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement