
यूपी पुलिस कभी बंदूक की बजाय मुंह से 'ठांय-ठांय' करके चर्चा में रहती है तो कभी एनकाउंटर के लिए. इस बार बदायूं में हुए एनकाउंटर के लिए चर्चा में है. इस एनकाउंटर में एक दारोगा को भी गोली लगी थी, लेकिन वो खबरों में इसलिए आए क्योंकि रात में उन्हें गोली लगी और वो जिला अस्पताल में भर्ती हो गए और अगले ही दिन ड्यूटी पर पहुंच गए.
पुलिस की ओर से बताया गया कि बदायूं डबल मर्डर के आरोपी साजिद ने जब पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू की तो उस समय सिविल लाइंस थाना इंचार्ज गौरव बिश्नोई की मोर्चा संभाल रहे थे. मुठभेड़ के दौरान थाना इंचार्ज के पैर में भी गोली लग गई थी, लेकिन आश्चर्य इस बात से हुआ कि अगले ही दिन सुबह वो ड्यूटी पर वापस पहुंच गए.
किस मामले में हुआ था एनकाउंटर?
दरअसल ये पूरी घटना सिविल लाइंस थाना इलाके की है, जहां मंगलवार देर शाम को साजिद नाम का एक शख्स अपनी ही दुकान के सामने वाले विनोद सिंह के घर में घुस गया. उस समय वो घर पर नहीं थे. साजिद ने विनोद की पत्नी संगीता से पांच हजार रुपये मांगे और रुपये मिलने के बाद वो घर की छत पर चढ़ गया. वो अपने साथ विनोद के बड़े बेटे आयुष (12) को लेकर गया, जबकि आहान (6) पहले से ही छत पर गाड़ी चला रहा था. साजिद ने उन दोनों पर धारदार चाकू से हमला कर दिया. जिसमें दोनों बच्चों की मौत हो गई.
एनकाउंटर में हुई थी साजिद की मौत
सरेआम कत्लेआम की इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. आरोपी को घर के अंदर ही बंद कर दिया गया, उसके बाद लोगों ने साजिद को मौके पर पहुंची पुलिस को सौंप दिया. पुलिस का कहना है कि आरोपी भीड़ और अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भागने में कामयाब हो गया. जब पुलिस ने उसे शेखूपुरा के जंगलों में देखा तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में उसको गोली लग गई और उसकी मौत हो गई. इसी एनकाउंटर में सिविल लाइंस के थाना इंचार्ज के पैर में गोली लग गई थी और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.