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'जैसे रामलला विराजमान हुए और पत्ता भी नहीं हिला, ऐसे ही मथुरा में ठाकुरजी बैठेंगे', बोले धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री ने मथुरा में कहा कि जिस तरह अयोध्या में भगवान रामलला विराजमान हुए और पत्ता भी नहीं हिला, ठीक वैसे ही मथुरा में ठाकुरजी बैठेंगे. उन्होंने कहा कि ये देश रघुवर का है, बाबर के खानदान का नहीं.

बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी धीरेंद्र शास्त्री (फाइल फोटो) बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी धीरेंद्र शास्त्री (फाइल फोटो)
मदन गोपाल शर्मा
  • मथुरा,
  • 28 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST

बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के मुख्य पुजारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने मथुरा में कहा कि जिस तरह अयोध्या में भगवान रामलला विराजमान हुए और पत्ता भी नहीं हिला, ठीक वैसे ही मथुरा में ठाकुरजी बैठेंगे. उन्होंने कहा कि ये देश रघुवर का है, बाबर के खानदान का नहीं. बृज के सभी साधु-संत मिलकर येनकेन प्रकारेण ठाकुरजी को यहां बैठाएंगे.  

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धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार को बांके बिहारी मंदिर में दर्शन किए. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी एक मांग की. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वृंदावन धाम के 20 किलोमीटर तक मदिरा और मांस की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वृंदावन धाम से बड़ा कोई धाम नहीं है. 

वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर पूछे गए सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हम बृजवासियों के पैर पकड़कर और साधु-संतों को आगे करके हमारा भ्राता देवकीनंदन ठाकुर बहुत पुरजोर तरीके से कृष्णजन्मभूमि के लिए अनवरत तैयारी कर रहे हैं. हर हाल में हम सभी संत मिलकर हर हाल में ठाकुरजी को वहां बैठाएंगे. जैसे रामलला विराजमान हुए और पत्ता भी नहीं हिला, ऐसे ही मथुरा में ठाकुरजी बैठेंगे और बाबर के खानदानों की ठठरी बरेगी क्योंकि देश रघुवर का है." 

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बांके बिहारी से बड़ा कोई दरबार नहीं: शास्त्री 

जब शास्त्री से पूछा गया कि क्या वो मथुरा में अपना दरबार लगाएंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि यहां खुद दरबार लगा हुआ है. बांके बिहारी से बड़ा कोई दरबार नहीं है. यहां दरबार की आवश्यकता नहीं है. यहां तो हनुमानजी खुद आकर भक्ति में डूब जाते हैं. हालांकि यहां हम जल्दी ही कथा शुरू करेंगे.  

यूपी का मुरादाबाद होगा माधवनगर? धीरेंद्र शास्त्री ने शहर का नाम बदलने के गिनाए कारण

मुरादाबाद का नाम बदलने की मांग भी की थी 

इससे पहले धीरेंद्र शास्त्री जब मुरादाबाद पहुंचे थे तो वहां उन्होंने मुरादाबाद का नाम बदलने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, "भारत में इतने नाम बदल गए. जब फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या हो सकता है. इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो सकता है तो मुरादाबाद को अब माधवनगर कर दिया जाए. कौन सी बड़ी बात है. इसके लिए धीरेंद्र शास्त्री ने वजह भी गिनाई थीं. 

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