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'हां, भाई ने चलाई थी गोली, लेकिन...' बहन ने माना सरफराज ने की थी फायरिंग, बहराइच हिंसा की पूरी कहानी

Bahraich Encounter: एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद सरफराज की बहन रुखसार ने कुबूल किया है कि उसके भाई ने गोली चलाई थी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की मौत हुई. रुखसार का कहना है कि सैकड़ों की भीड़ दरवाजे पर थी, सरफराज ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी.

बहराइच: एनकाउंटर के बाद पकड़े गए सरफराज और तालीम बहराइच: एनकाउंटर के बाद पकड़े गए सरफराज और तालीम
समर्थ श्रीवास्तव
  • बहराइच ,
  • 18 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

बहराइच हिंसा मामले में एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद सरफराज की बहन रुखसार ने कुबूल किया है कि उसके भाई ने गोली चलाई थी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा की मौत हुई. रुखसार का कहना है कि सैकड़ों की भीड़ दरवाजे पर थी, सरफराज ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, अनजाने में गोली रामगोपाल को लग गई. किसी को मारना जस्टिफाई नहीं किया जा सकता है पर अनहोनी हो गई. सरफराज ने जो किया अपने बचाव में किया, उसका इरादा हत्या का नहीं था. 

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बता दें कि बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा बीते रविवार की शाम करीब 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में शामिल था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो दो पक्षों में कहासुनी हो गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इस बीच रामगोपाल को एक घर की छत पर गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई. ये छत अब्दुल हमीद की थी. सरफराज अब्दुल हमीद का बेटा है और रुखसार बेटी. 

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रुखसार ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि घटना में (रामगोपाल मर्डर) परिवार के शामिल होने पर हमें दुख है लेकिन जितना मुझे पता चला है चारों तरफ से भीड़ मेरे घर में घुस गई थी. केवल अंदर का एरिया दिखाया जा रहा है, बाहर का नहीं दिखाया जा रहा. घर के अंदर से इतना पथराव कैसे होगा, बाहर से भी ईंट-पत्थर आया. बवाल के वक्त घर में महिलाएं भी थीं और बाहरी लोग घर के अंदर दाखिल होना चाह रहे थे. 

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आरोपी सरफराज की बहन रुखसार ने दावा किया कि भीड़ में शामिल लोगों ने उसके पिता की ज्वैलरी शॉप भी लूट ली थी फिर उसमें आग लगा दी थी. तोड़फोड़ और पथराव तो हुआ ही. पुलिसवालों की वजह से उस वक्त पिता-भाइयों की जान बच गई थी. लड़के (रामगोपाल) के छत पर चढ़ने के बाद पूरी भीड़ छत पर उमड़ आई थी. दुकान जलाई, गाड़ी जलाई, बाइक जलाई. बोतलें फेंकी. फिर मेरे भाई और पापा ने वही बोतलें वापस उन लोगों के ऊपर फेंकी. मेरे परिवार ने आंगन से गुहार भी लगाई कि हमें बचा लो, ये भीड़ हमें मार देगी. लेकिन ये सबकुछ नहीं दिखाया जा रहा है. इसके ठीक बाद मेरे भाई ने पहले हवाई फायर किया जिससे भीड़ कम हो जाए.

रामगोपाल को गोली मारने का वाले का एनकाउंटर

रुखसार का कहना है कि वह लड़का (रामगोपाल) जो ऊपर चढ़ गया था, आंगन में आने की कोशिश कर रहा था. जबकि घर में महिलाएं भी थीं. जिसके बाद अपने बचाव में मेरे भाई ने गोली चलाई, जिसमें उसकी मौत हो गई. अगर प्लान तरीके से किया होता तो आप खुद सोचिए किसी को मार कर परिवार कैसे बच सकता था?

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क्या मारना ही आखिरी सॉल्यूशन था? इस सवाल के जवाब में रुखसार ने कहा कि मृतक को कई गोलियां लगी हैं, करंट लगा है, यह सारी चीज गलत है. 1000-500 की भीड़ जब एक घर में हमला करेगी तो वह इंसान क्या करेगा अपने बचाव में. बगल के एक लड़के सरोज (हिंदू) ने मेरे परिवार की मदद की लेकिन बाद में भीड़ ने उसे भी मारा, उसका सिर फट गया था. हालांकि, किसी को मारा जाना जस्टिफाई नहीं किया जा सकता है पर अनहोनी थी, हो गई. जो कुछ किया अपने बचाव में किया. पुलिस अब मेरे पति-देवर को उठा ले गई, जबकि उनका कोई रोल नहीं है. हम लोग तो 40-50 किमी दूर रहते हैं.

गौरतलब हो कि जिस वक्त रामगोपाल की मौत की खबर फैली महराजगंज कस्बे में बवाल शुरू हो गया था. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के घर समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी थी. हिंसा के ये दौर अगले दिन भी जारी रहा. जिसके चलते जिले में भारी पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी. खुद सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लिया. फिलहाल, हालात सामान्य हैं. अबतक 50 से ज्यादा आरोपी पकड़े जा चुके हैं. 

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