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डूब गया घर- बह गए शावक... क्या बहराइच में बच्चों का बदला ले रहे हैं भेड़िये?

भेड़ियों का कहर बहराइच में जारी है. इसमें नई-नई चीजें निकलकर सामने आ रही हैं. सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर भेड़िये आदमखोर बन कैसे गए? इस बाबत वन विभाग के बड़े अधिकारी का कहना है कि भेड़ियों में बदला लेने की भी टेंडेंसी होती है. अगर उनके आवास को नुकसान पहुंचा है तो वे चांस एनकाउंटर करते हैं. ऐसे में इनके मुंह अगर इंसानी खून लग जाए तो ये बार-बार उस शिकार का चांस लेते हैं.

बहराइच में क्या भेड़िये ले रहे बदले बहराइच में क्या भेड़िये ले रहे बदले
समर्थ श्रीवास्तव
  • बहराइच,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST

बहराइच में भेड़िये आदमखोर हो गए हैं और इंसानों पर हमला कर रहे हैं. इसकी पड़ताल के लिए आजतक की टीम रामुआपुर गांव पहुंची. रामुआपुर गांव में भेड़ियों की मांद मिली है, जहां इनका पूरा कुनबा रहता था. रामुआपुर गांव में गन्ने के घने खेत के बीच एक दिन पहले भेड़ियों को देखा गया था. ऐसा ग्रामीणों का दावा है. जब भेड़िया यहां आया तो गांव वाले पहुंच गए और शोर मचाकर लोगों ने उसे भगा दिया.

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गांव की एक दुकान के निकट ही रात के नौ बजे भेड़िया आया हुआ था. दुकानदार ने बताया कि दुकान के पास ही भेड़िया दिखा था. उसके बाद गांव में घुस गया और एक बकरी को घायल कर दिया. ग्रामीणों ने  बताया कि इस इलाके में हमेशा से भेड़िए मौजूद रहे हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ है कि वे सिर्फ इंसानी बच्चों को टारगेट करे. यही बात समझ नहीं आ रही है. 

इस इलाके में हमेशा से रही है भेड़ियों की मौजूदगी
ग्रामीणों का कहना है कि भेड़िए पहले भी आते थे और बकरियों को उठाकर ले जाते थे. अब भेड़िए आदमखोर हो गए हैं. ऐसा क्यों हुआ है यह पता नहीं चल पा रहा है. हो सकता है भेड़ियों को किसी तरह से नुकसान पहुंचा होगा, इसलिए वह बदला ले रहे हैं.अब सवाल उठता है कि क्या यहां भेड़ियों की मांद को नुकसान पहुंचाया गया, या फिर बाढ़ के पानी में मांद बह गया. इससे भेड़ियों के शावक को नुकसान पहुंचा.

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गन्ने के खेतों में मांद बनाकर रहते हैं भेड़िए
रामुआपुर में गन्ने की दूर-दूर तक फैले खेतों के बीच ही जहां भेड़िये मांद बनाकर रहते थे. वहां अब पानी भरा हुआ है और भेड़िये का कोई नामोनिशान नहीं है.  यहां गर्मी और ठंड के समय भेड़ियों को कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन बारिश में पानी भर जाने के कारण इनका घर तबाह हो जाता है. ऐसा हर साल होता है. ऐसे में यह कहानी भी अधूरी है कि आखिर इस बार ही मांद में पानी भर जाने के बाद भेड़िए आदमखोर क्यों हो गए.

घाघर नदी में आई बाढ़ में डूब गई मांद 
ग्रामीणों का कहना है कि इन मांदों में भेड़ियों के बच्चे थे. कुछ महीने पहले जब सिंचाई के कारण इसमें पानी चला गया था तो बच्चे बाहर निकलकर इधर-उधर भाग गए थे. इसके बाद भी भेड़िये यहां रहने आए और उनके बच्चों को देखा गया.ग्रामीणों का कहना है कि भेड़ियों का घर घाघर नदी में आई बाढ़ से तबाह हो गया है. इस कारण पूरा कुनबा यहां से भागने को मजबूर हो गया. 

क्यों आदमखोर बन रहे भेड़िये
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने भी यही एक तर्क दिया है कि इस कारण से ही भेड़ियों का गुस्सा भड़का और वे आदमखोर हो गए. यूपी वन निगम महाप्रबंधक संजय पाठक जो ऑपरेशन भेड़िया का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोई जानवर अपने आप आदमखोर नहीं बन जाता या ऐसे ही किसी को नहीं मारता.

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यह भी पढ़ें: मिल गई आदमखोर भेड़ियों की मांद, पता चला क्यों इंसानों से ले रहे हैं बदला... बहराइच से ग्राउंड रिपोर्ट

आवास को नुकसान पहुंचना है बड़ा फैक्टर
संजय पाठक ने बताया कि दो चीज हैं पहला हैबिटेट का नुकसान, जो सबसे बड़ा फैक्टर है.  उनके क्षेत्र डूब क्षेत्र में रहे हैं. उनमें अगर पानी भर जाए ऐसी दशा में उन्हें वापस जाना पड़ता है. ऐसे में जानवर की कोई नीयत नहीं होती, लेकिन चांस एनकाउंटर हो जाता है और अगर उन्हें खून लग गया की आसान शिकार है तो फिर अगली बार भी चांस ले लेते हैं.

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