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बाहुबली के बेटे, पत्नी की हत्या का आरोप... जानिए कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी, जिनकी कांग्रेस में वाया सपा-बसपा हुई एंट्री

यूपी सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी की कांग्रेस में एंट्री हो गई है. उन्होंने पहली बार 2012 में सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2017 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था.

कांग्रेस में शामिल हुए अमनमणि त्रिपाठी कांग्रेस में शामिल हुए अमनमणि त्रिपाठी
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 10 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और नौतनवा सीट से पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. माना जा रहा है कांग्रेस उन्हें महाराजगंज सीट से मैदान में उतार सकती है.  

अविनाश पांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अमनमणि त्रिपाठी के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए कहा, "नौतनवा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री अमनमणि त्रिपाठी जी ने श्री राहुल गांधी जी और कांग्रेस पार्टी की न्याय की लड़ाई में भरोसा जताते हुए कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की." 

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अमनमणि त्रिपाठी को बीते साल पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया था. माना जा रहा है कि कांग्रेस अमनमणि को महाराजगंज लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है. समाजवादी पार्टी के साथ हुए गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में आई हैं.  

अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं अमनमणि  

अमनमणि यूपी सरकार में मंत्री रह चुके अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी ठहराया गया था. त्रिपाठी परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा हुआ है और महाराजगंज में उनका काफी असर है. उनके कांग्रेस में शामिल होने से इलाके का सियासी गणित काफी बदल जाएगा. 

2012 में पहली बार सपा से लड़ा था चुनाव 

अमनमणि त्रिपाठी ने पहली बार साल 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नौतनवा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस के कुंवर कौशल किशोर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वो साल 2015 में सुर्खियों में आए, जब एक सड़क हादसे में उनकी पत्नी सारा की मौत हो गई. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी हो गई, जिसके बाद 2017 में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. 

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2017 में सपा ने नहीं दिया टिकट 

अमनमणि पर पत्नी की हत्या का आरोप लगा था, जिसके चलते सपा ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वो 2017-2022 तक महाराजगंज की नौतनवा सीट से विधायक रहे. इसके बाद वो मायावती की पार्टी बीएसपी में शामिल हो गए और 2022 में उन्होंने बीएसपी की टिकट पर चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.  

बीएसपी ने दिखाया बाहर का रास्ता 

यूपी निकाय चुनाव के दौरान बीएसपी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. अमनमणि को महाराजगंज से टिकट दिए जाने की चर्चा है, हालांकि इस सीट पर कांग्रेस की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत को भी दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. पिछले 2019 के चुनाव में उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था.

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