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'BSP यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में नहीं, मगर BJP का तरीका गलत,' मायावती का बड़ा बयान

समान नागरिक संहिता पर धीरे-धीरे राजनीतिक दलों के विचार सामने आते जा रहे हैं. अब मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने समान नागरिक संहिता पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी यूसीसी का विरोध नहीं करती है.

मायावती (File Photo) मायावती (File Photo)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 02 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST

आम आदमी पार्टी और सुभासपा के बाद समान नागरिक संहिता पर बहुजन समाज पार्टी ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा बयान देते हुए रविवार को कहा है कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है. मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है.

मायावती ने आगे कहा कि बीजेपी को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए. हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है. यूसीसी लागू करने के बीजेपी मॉडल पर हमारी असहमति है. भाजपा यूसीसी के जरिए संकीर्ण मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश कर रही है.

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संविधान में UCC का उल्लेख

उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी अपने तुच्छ राजनीतिक एजेंडे से ऊपर उठकर इसे लाती है तो हम इसका समर्थन करेंगे, वर्ना इसका विरोध करेंगे. सरकार यूसीसी को चर्चा का विषय बनाकर ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है. यूसीसी का उल्लेख पहले से ही संविधान में है.

देश में अलग-अलग धर्मों के लोग

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि यहां विशाल आबादी वाले भारत देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख इसाई, पारसी बौद्ध अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. इनके अपने खान-पान, रहन-सहन और जीवनशैली के  तौर-तरीके और रस्म-रिवाज हैं. इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

कमजोर नहीं, मजबूत होगा देश

उन्होंने कहा कि ये बात भी सोचने वाली है कि अगर हर धर्म के मानने वाले एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा. साथ ही लोगों में आपसी सद्भाव भी पैदा होगा. यह बात भी कहीं हद तक सही है. इसे ध्यान में रखते हुए ही भारतीय संविधान की धारा 14 में यूसीसी को बनाने का जिक्र किया गया है.

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सबसे पहले AAP ने किया था समर्थन

यूसीसी पर सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपना समर्थन जाहिर किया था. संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने इंडिया टुडे से बात करते हुए था कि पार्टी यूसीसी का 'सैद्धांतिक' रूप से समर्थन करती है. उन्होंने कहा था, 'संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा भी गया है कि देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए.'

सभी से चर्चा के बाद बने सहमति: AAP

हालांकि पाठक ने कहा था कि पार्टी का मानना है कि इसे लागू करने से पहले सभी धर्मों और राजनीतिक दलों के साथ चर्चा के बाद आम सहमति बनाई जानी चाहिए. बता दें कि समान नागरिक संहिता पर आम आदमी पार्टी का रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर जोर देने के एक दिन बाद आया है. पीएम मोदी ने भोपाल में बीजेपी के अपना बूथ-सबसे मजबूत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस पर चर्चा शुरू की थी.

राजभर ने कही थी ये बात

रविवार को ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का समर्थन किया. राजभर ने कहा कि देशभर के सभी नागरिकों के लिए एक कानून होना चाहिए और जो कुछ भी देश हित में होगा हम उसका समर्थन करेंगे. राजभर ने कहा कि यदि गोवा में यूसीसी लागू है तो अन्य राज्यों में क्यों लागू नहीं हो सकता है? 

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