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आकाश आनंद के बाद अब BSP में इन्हें मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी, मायावती से है खास कनेक्शन

बहुजन समाज पार्टी (BSP) में अब आकाश आनंद के पिता और बीएसपी सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार को पार्टी को संभालने की जिम्मेदारी दी जा रही है. इसके लिए सभी ने हामी भी भर दी है.

मायावती/आनंद कुमार (File Photo) मायावती/आनंद कुमार (File Photo)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 21 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST

उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद अब उपचुनाव की तैयारी में जुट गई है. पार्टी नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को भले ही साफतौर पर आउट कर चुकी है. लेकिन अब मायावती के भाई आनंद कुमार को बसपा टीम मेंबर की तरह सामने लाकर उपचुनाव और आगे के चुनाव की अहम जिम्मेदारी देने जा रही है. हालांकि, अभी आने वाले कुछ दिनों में समीक्षा बैठक में यह फैसला होगा कि आकाश आनंद टीम में बने रहेंगे या आउट हो जाएंगे.

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जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी. पार्टी यूपी में एक भी सीट नहीं जीत पाई. अब ऐसे में हार का ठीकरा किसके ऊपर फूटेगा यह तो आने वाली समीक्षा बैठक में पता लगेगा. लेकिन इस दौरान बहुजन समाज पार्टी ने नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को उनके भाषणों के लिए पार्टी की सभी जिम्मेदारियां से मुक्त कर दिया है.

आकाश आनंद से थी काफी उम्मीदें!

अब आकाश आनंद के पिता और बीएसपी सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार को पार्टी को संभालने की जिम्मेदारी दी जा रही है. इसके लिए सभी ने हामी भी भर दी है. बता दें कि पार्टी को आकाश आनंद से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह कुछ कर नहीं सके. इसलिए अब उनकी जगह उनके पिता और बीएसपी सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाएंगे.

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आकाश को पार्टी से कर दिया गया दूर

बहुजन समाज पार्टी में आकाश आनंद जिस तेजी के साथ आए थे, उसमें सफल नहीं हो पाए. इसी वजह से उनको पार्टी से दूर रखा गया है. अब उनके पिता और बीएसपी सुप्रीमो के भाई आनंद कुमार को पार्टी के साथ जोड़कर आने वाले उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में जीत दर्ज करने की कवायत शुरू करने की कोशिश की जाएगी.

उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू

आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में उपचुनाव कभी नहीं लड़ती थी. लेकिन चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के उत्तर प्रदेश में उपचुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ ही पार्टी ने उपचुनाव को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि बसपा को चिंदा है कि कहीं दलित वोट बैंक दूसरी तरफ ना खिसक जाए. इस वजह से इस बार पार्टी उपचुनाव भी लड़ेगी. 

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