
यूपी के बांदा (Banda) जिले की रहने वाली शहजादी खान को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 15 फरवरी को फांसी दी जा चुकी है. शहजादी पर एक मासूम की हत्या का आरोप था. फांसी से एक दिन पहले यानी 14 फरवरी को रात में शहजादी ने आखिरी बार अपने माता-पिता को फोन किया था. इस दौरान उसने कहा था कि 'अब्बू यह मेरी आखिरी कॉल है, हो सकता है अब मैं फोन ना कर पाऊं. जो केस दर्ज कराया है उसे वापस ले लेना, किसी से दुश्मनी मत लेना, ज्यादा परेशान होना तो मुंबई चले जाना. अब कोर्ट कचहरी के चक्कर में मत पड़ना.'
फोन पर शहजादी रो-रो कर अपने बेबस लाचार बुजुर्ग माता-पिता को समझाती रही. वहीं, पैरेंट्स शहजादी को दिलासा देते रहे. 14 फरवरी को की गई यह कॉल शहजादी की आखिरी कॉल थी, 15 फरवरी को उसे फांसी की सजा दे दी गई. शहजादी की मौत की पुष्टि दिल्ली हाई कोर्ट में भारतीय विदेश मंत्रालय ने की है. उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को दुबई में ही किया जाएगा. पिता शब्बीर खान ने भारत सरकार से शहजादी के शव को भारत लाने की गुहार लगाई है.
आपको बता दें कि शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली थी. उसको 2021 में आगरा के रहने वाले उजैर ने पहले प्रेमजाल में फंसाया, फिर उसे चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी कराने के नाम पर दुबई भेज दिया. शहजादी दुबई में उजैर के रिश्तेदारों के यहां रह रही थी. यहां उसके रिश्तेदार के बच्चे की मौत हो गई. मौत के 2 महीने बाद बच्चे के कत्ल के जुर्म में शहजादी को फंसा दिया गया. आखिर मे दुबई की अदालत ने शहजादी को फांसी की सजा सुना दी.
परिजनों के मुताबिक, शहजादी जब 8 साल की थी तब खाना बनाते वक्त खौलता पानी उसके चेहरे पर गिर गया था, जिसके बाद उसका चेहरा खराब हो गया था. उसकी तमन्ना थी कि वह अपना चेहरा ठीक करा सके. इसके लिए उसने बांदा की एक समाजसेवी संस्था के साथ काम शुरू किया, जिसके माध्यम से आगरा के रहने वाले उजैर नाम के युवक से उसकी दोस्ती हुई. आरोप है कि उजैर ने धोखे से उसे अपने रिश्तेदारों को दुबई में डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया.
शहजादी दुबई में उजैर के फूफा और फूफी नाजिया के घर नौकरानी बनकर रहती थी. इसी दौरान नाजिया के दुधमुहे बच्चे की टीका लगने के बाद तबीयत बिगड़ गई. बाद में उसकी मौत हो गई. मासूम की मौत के बाद उजैर के फूफा-फूफी ने बच्चे के कत्ल के इल्जाम में शहजादी को फंसा दिया.
शहजादी के पिता शब्बीर ने बताया कि बीते 14 फरवरी को रात करीब 12 बजे शहजादी का फोन आया था, जिसमें उसने बताया कि अब उसका अंतिम समय आ गया है. उसे अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है. यह उसकी आखिरी कॉल है. 14 फरवरी के बाद से शहजादी से परिजनों की कोई बात नहीं हुई, जिससे परिजन परेशान हुए और उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका डाली. याचिका के जवाब में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई है. उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को किया जाएगा.