
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अजीबोगरीब घटना से चिकित्सा जगत में हलचल मच गई. बरेली के अस्पताल में एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ, जिसे देखकर हॉस्पिटल का स्टाफ और परिजन घबरा गए. बच्चे की जन्म से पूर्व ही मौत हो चुकी थी. बच्चे का रंग सफेद था, दांत ऊपर के निकले हुए थे. आंखों की पलकें भी पलटी हुई थीं और स्किन जगह-जगह से फटी थी. यह दृश्य देखकर डॉक्टर भी एक पल को घबरा गए. हालांकि डॉक्टरों ने बीमारी का पता लगाने के लिए बच्चे की स्किन के सैंपल लेकर भेजे हैं.
डॉक्टरों ने बताई हार्लेक्विन इक्थियोसिसु बीमारी
बताया जा रहा है कि बच्चा दुर्लभ आनुवांशिक त्वचा विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिसु) से पीड़ित था, जिसका जन्म राजेंद्र नगर के निजी अस्पताल में गुरुवार को हुआ. डॉक्टरों का कहना है कि गर्भ में ही उसकी मौत हो चुकी थी.
बीमारी की वजह पता करने के लिए डॉक्टरों ने स्किन बायोप्सी और केरिया टाइमिन जांच के लिए सैंपल लिया है, जिससे कि पता चल सके कि ऐसा क्यों हुआ. बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी में रहने वाले दंपती के यहां इस बच्चे का जन्म हुआ, जिसकी गर्भ में ही मौत हो चुकी थी. परिवार के लोग हैरान रह गए कि ऐसा क्या हुआ कि बच्चा इस रंग रूप में पैदा हुआ.
देश में पहले भी आ चुका है केस
डॉक्टर का कहना है कि हार्लेक्विन बेबी के जन्म के मामले बरेली में और देश में वर्षों पहले आ चुके हैं. हालांकि, उनकी जान बची या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है. हालांकि इसकी जांच के लिए भी डॉक्टर ने सैंपल भेजा है.
डॉक्टर अनुमान लगा रहे हैं कि शरीर में प्रोटीन और म्यूकस मेंबरेन की गैर-मौजूदगी की वजह से बच्चे की यह हालत होती है. ऐसी स्थिति में जन्म लेने वाले बच्चे की त्वचा एकदम सख्त और मोटी हो जाती है. इसके साथ ही त्वचा का रंग सफेद हो जाता है. कई बार गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाती है.
पूरे दिन होती रही चर्चा
अस्पताल में इस तरह का बच्चा पैदा हो जाने के बाद पूरे दिन चर्चा का माहौल बना रहा. चिकित्सा जगत में भी लोग बच्चे की बीमारी को जानने के लिए कॉल करते रहे. अस्पताल में भी स्टाफ और बाकी लोग जानना चाहते थे कि आखिर ऐसा कैसे हुआ है, इसका कारण क्या है.