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छात्रा को आया पीरियड तो लेडी टीचर ने क्लासरूम से बाहर खड़ा किया, सैनिटरी पैड नहीं देने पर हुई कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के बरेली में छात्रा को स्कूल के अंदर पीरियड आने पर सैनिटरी पैड नहीं देने पर स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षक दोषी पाए गए. इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार ने दो सदस्य टीम बनाकर मामले की जांच कराई थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
कृष्ण गोपाल राज
  • बरेली,
  • 03 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के बरेली में छात्रा को स्कूल के अंदर पीरियड आने पर सैनिटरी पैड नहीं देने पर स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षक दोषी पाए गए. इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार ने दो सदस्य टीम बनाकर मामले की जांच कराई थी. जांच टीम ने रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षा अधिकारी को सौंपी, जिसके बाद डीआईओएस ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी करके स्कूल की शिक्षक और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिया.

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स्कूल टाइम के दौरान आ गए थे पीरियड
यह पूरा मामला बरेली के रिक्की सिंह गर्ल्स इंटर कॉलेज का बताया जा रहा है. 25 जनवरी को स्कूल टाइम के दौरान एक छात्रा को ब्लीडिंग होने लगी थी, जब उसने इस बात की जानकारी शिक्षिका को दी तो शिक्षिका ने छात्रा को क्लासरूम के बाहर खड़ा कर दिया. वह इस कदर सदमे में आ गई कि घर चली गई. जिसके बाद छात्रा के परिवार वालों ने इसकी शिकायत महिला आयोग और जिलाधिकारी से की. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षण अधिकारी ने इस मामले की जांच कराई.

शिक्षिका ने किया था बेइज्जत
स्कूल टाइम में छात्रा को जब ब्लीडिंग हुई तो शिक्षिका ने छात्रा की मदद नहीं की, जबकि छात्रा बार-बार कहती रही कि उसको ब्लीडिंग हो रही है, मैडम प्लीज मुझे सैनिटरी पैड दिलवा दीजिए, लेकिन शिक्षिका ने छात्रा की कोई मदद नहीं की और क्लास रूम के बाहर उसे खड़ा कर दिया और बेइज्जत किया. जिसे देखकर बाकी स्टूडेंट भी उसका मजाक बनाने लगे. इस बात से परेशान होकर बेइज्जती महसूस करके वह घर चली गई और पूरी बात की जानकारी परिवार के लोगों को दी.

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स्कूलों में रखे जाएंगे सेनेटरी पैड
जिला निरीक्षण अधिकारी अजीत कुमार ने सभी को निर्देशित किया है कि सभी गर्ल्स स्कूलों में सैनिटरी पैड रखे जाएं. यदि ऐसी स्थिति आती है तो छात्राओं की मदद की जाएगी. स्कूल स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि ऐसी स्थिति आने पर हर संभव मदद करें.

गर्ल्स स्कूल होने के बावजूद नहीं मिली मदद
जिस स्कूल में यह घटना हुई है वह एक गर्ल्स इंटर कॉलेज है. बावजूद इसके स्कूल के शिक्षिकों ने छात्रा की कोई मदद नहीं की बल्कि गुस्से में आकर छात्रा को सजा सुना दी.

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