
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद जिस वंदे भारत ट्रेन से सफर कर रहे थे, उस पर पथराव हुआ है. चंद्रशेखर ने खुद ट्वीट कर बताया कि वो दिल्ली से कानपुर जा रहे थे. सुबह करीब सवा सात बजे ट्रेन ने जैसे ही बुलंदशहर जिले का कमालपुर स्टेशन पार किया, तभी बाहर से किसी असामाजिक तत्व ने पत्थरबाजी की और उनसे आगे की सीट पर बैठे यात्री के पास का शीशा चकनाचूर हो गया.
चंद्रशेखर ने बताया कि बाहर से जो पत्थर फेंका गया, वो उनसे दो सीट आगे बैठे यात्रियों के पास आकर लगा, जिसमें शीशा चकनाचूर हो गया. उन्होंने बताया कि वो एकदम हैरान रह गए. इस घटना से न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हुआ. नगीना सांसद ने कहा कि ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं और किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकती हैं.
2022 में ट्रेन पर पत्थरबाजी की 1503 घटनाएं
आजाद समाज पार्टी चीफ ने कहा, एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में ऐसी घटनाओं का आंकड़ा 1503 तक पहुंच गया, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. यह आंकड़ा सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं. ट्रेन पर पथराव से न केवल संपत्ति को क्षति होती है, बल्कि यह यात्रियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.
रेलवे देश की अमूल्य संपत्ति: चंद्रशेखर
उन्होंने कहा, यह समझने की आवश्यकता है कि रेलवे देश की एक अमूल्य संपत्ति है और इसका संरक्षण देश के हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है. समाज में इस तरह की हरकतें न केवल असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं बल्कि हमारे देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं.
यह केवल सरकार की नहीं हमारी नैतिक जिम्मेदारी: आजाद
चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री जी, रेलवे पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही समाज में जागरूकता भी फैलानी चाहिए. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि परिवार में माता-पिता और स्कूलों में अध्यापकों द्वारा बच्चों को इस विषय पर जागरूक करना आवश्यक है. इससे न केवल ऐसी घटनाएं कम होंगी, बल्कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो पाएगी. हम सभी को एक जागरूक नागरिक बनना चाहिए. यह देश हमारा है और देश की संपत्ति की सुरक्षा केवल सरकार की ही नहीं बल्कि हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी और संवैधानिक मूल कर्तव्य है.