
वाराणसी में IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपियों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है. पुलिस अब उनपर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई कर सकती है. साथ ही कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की अपील भी कर सकती है. इस बीच आरोपियों के बारे में नई जानकारी सामने आई है.
बताया जा रहा है कि कैंट से BJP विधायक सौरभ श्रीवास्तव की सिफारिश पर आरोपियों को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिली थी. इतना ही नहीं विधायक समेत दूसरे नेताओं का आरोपियों के घर आना-जाना रहता था. जिसके चलते इलाके में उनका दबदबा बढ़ रहा था. बीजेपी के तमाम नेताओं संग आरोपियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं.
एक अन्य आरोपी अभिषेक चौहान के आवास पर भी लगातार कैंट विधायक का आना-जाना रहता था. अभिषेक पार्टी के लिए सदस्यता अभियान भी चलाता था, जिसकी जानकारी खुद वहां के निवासियों ने दी है. विधायक की पैरवी पर ही आरोपी कुणाल पांडेय को आईटी सेल का महानगर संयोजक बनाया गया था.
स्थानीय बीजेपी नेताओं के टच में थे आरोपी
इसके बाद कुणाल ने अपने साथी सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान को जोड़ा. मोहल्ले के लोगों ने बताया कि कैंट विधायक अभिषेक के घर आते थे. आरोपी उनके साथ मिलकर प्रचार-प्रसार करते थे और घूमते थे. हाल ही में उन्होंने भंडारे के आयोजन में विधायक समेत इलाके के बड़े नेताओं को बुलाया था. मगर गैंगरेप केस में पकड़े जाने के बाद उनका पूरा कार्यक्रम चौपट हो गया. आरोपियों के घर के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है. कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है.
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है. साक्ष्य संकलित कर कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी. आरोपियों के हर कनेक्शन को खंगाला जा रहा है. उनकी कॉल डिटेल, ट्रैवल हिस्ट्री सबकी जानकारी हासिल की जा रही है. अभी तीनों आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं.
घटना के बाद शहर से भाग गए थे आरोपी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद तीनों आरोपी शहर से भाग गए थे. वो लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे. गिरफ्तारी से पहले मध्य प्रदेश के चुनाव में गए थे. उसके बाद राजधानी लखनऊ भी पहुंचे थे. इस बीच पुलिस ने लगातार उनके नंबर सर्विलांस पर लगा रखे थे, जिससे उनको ट्रेस किया जा रहा था.
60 दिन बीत जाने के बाद जब कोई एक्शन नहीं हुआ तो आरोपियों को लगा कि अब पुलिस उनको नहीं गिरफ्तार करेगी. ऐसे में वो आराम से अपने-अपने घरों को लौट आए. लेकिन लौटने के बाद ही पुलिस ने शिकंजा कस दिया.
आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने जांच को भटकाने के लिए घटना के दिन प्रयोग होने वाली बुलेट पर नंबर प्लेट नहीं लगा रखी थी. लेकिन बाद में नंबर प्लेट लगा ली. बुलेट (बाइक) कुणाल पांडेय की बताई जा रही है. वो पार्षद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था. 2 साल पहले उसकी शादी हुई थी.
कब हुई थी घटना?
बता दें कि 2 नवंबर को आईआईटी सेकेंड ईयर की छात्रा अपने न्यू गर्ल्स हॉस्टल से रात में लगभग डेढ़ बजे वॉक पर निकली थी. तभी रास्ते में मिले एक साथी के साथ कुछ दूर आगे बढ़ी थी कि 3 की संख्या में बुलेट सवार अज्ञात युवक कैंपस के अंदर आ गए और उन्होंने छात्र-छात्रा को जबरदस्ती अलग-अलग कर दिया. फिर छात्रा का यौन उत्पीड़न किया था.
पीड़ित ने क्या बताया था?
पीड़ित छात्रा ने बताया कि उसे अलग ले जाकर न केवल डराया धमकाया गया, बल्कि उसके कपड़े भी मनचलों ने उतरवा दिए और उसे किस भी किया. इतना ही नहीं आरोपियों ने उसका वीडियो भी बना लिया और मोबाइल नंबर भी ले लिया. इस पूरी वारदात के दौरान IIT-BHU की छात्रा लगभग 10-15 मिनट तक मनचलों के बीच फंसी रही.
बाद में पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर लंका थाने में आईपीसी की धारा 354(ख), 506 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया. वहीं, छात्र-छात्रा लगातार IIT-BHU कैंपस में धरना-प्रर्दशन करते रहे.
आगे चलकर छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना में पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म (IPC 376-D) और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के जरिए यौन उत्पीड़न (IPC 509) करने से संबंधित धाराएं बढ़ा दी थी. ये दोनों धाराएं पीड़िता के बयान के आधार पर बढ़ाई गईं. छात्रा का कलमबंद बयान पुलिस के अलावा मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज हुआ.