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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का बड़ा एक्शन, अवैध तरीके से नौकरी पाने वाले 49 कर्मचारी बर्खास्त

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी के आदेश पर 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. आरोप है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में काम करने वाले कर्मचारियों ने अवैध तरीके से अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाई थी. लंबे समय से इसकी जांच की मांग की जा रही थी. प्राधिकरण की इस कार्रवाई से अन्य कर्मचारियों में खलबली मच गई.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
भूपेन्द्र चौधरी
  • ग्रेटर नोएडा,
  • 31 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अवैध तरीके से प्राधिकरण में काम करने वाले करने वाले 49 कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. प्राधिकरण के इस कार्रवाई से अन्य कर्मचारियों में खलबली मच गई है. दूसरी तरफ प्राधिकरण के भर्तियों होने वाले भ्रष्टाचार भी उजागर हुआ है.

सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी के आदेश पर 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया. बताया जा रहा है बर्खास्त किए गए सभी लोगों की भर्तियां प्राधिकरण में ऊंचे लेवल पर तैनात अधिकारियों ने की थी. लंबे समय से प्राधिकरण के भर्तियों में अनियमितता को लेकर चर्चाएं चल रही थीं. 

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अवैध बहाल कर्मचारियों पर ऋतु महेश्वरी ने की कार्रवाई

दरअसल, ऋतु महेश्वरी को सीईओ बनते ही कयास लगाया जा रहा था कि अवैध भर्ती होने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है. बहरहाल, सोमवार को ऋतु महेश्वरी ने कार्रवाई की और अवैध बहाल कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. इसके बाद से कयास यह भी लगाए जा रहे है कि इस तरह की भर्तियों में शामिल लोगों पर भी सीईओ एक्शन लेने के मूड में हैं. 

बताया जा रहा है कर्मचारियों के अवैध भर्ती के लिए आधी रात को फार्म भरवाए गए थे. रसूखदार चहेतों के फॉर्म भरने के लिए चंद मिनटों के लिए आवेदन एप्लिकेशन विंडो को खोलते थे. उनके फॉर्म भरने के बाद विंडो क्लोज कर दिया जाता था. भर्तियों में कैंडिडेट की न तो कोई लिखित परीक्षा होती थी और न ही कोई इंटरव्यू लिया जाता था.

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प्राधिकरण के अधिकारियों ने 'आजतक' की टीम से नहीं की बात   

वहीं, मामले में जब 'आजतक' की टीम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कुछ कहने से साफ मना कर दिया. साथ ही प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी से संपर्क करने की कोशिश की गई. मगर, उनका भी कोई जवाब नहीं मिला. फिलहाल, प्राधिकरण के कार्रवाई के बाद नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार चर्चा का विषय बना हुआ है.

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