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उत्तर प्रदेश के खीरी जिले में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई शनिवार को सैधरी गांव के पास एक निजी अस्पताल से की गई, जहां दोनों तस्कर एकत्र हुए थे. इस दौरान टीम ने उनके पास से एक किलोग्राम मादक पदार्थ 'मेफा ड्रान' (एमडी) बरामद किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये हैं.
खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राकेश विश्वकर्मा और विक्रम सिंह के रूप में हुई है. ये दोनों खीरी जिले के निवासी हैं. वहीं, इस तस्करी से जुड़े एक अन्य व्यक्ति, जो अस्पताल से जुड़ा डॉक्टर खालिद खान बताया जा रहा है. फिलहाल वह फरार है. उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है.
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पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने कबूल किया कि वे नेपाल से मेफा ड्रान ड्रग की तस्करी कर इसे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में ऊंचे दामों पर बेचते थे. नेपाल से यह ड्रग्स बेहद सस्ती दरों पर खरीदी जाती थी, जिसके बाद इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई किया जाता था. पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी इस बार तस्करी की गई दवा को एक पार्टी को सौंपने के लिए निजी अस्पताल में एकत्र हुए थे.
खीरी एसपी ने जानकारी दी कि आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेज) अधिनियम के तहत कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. मामले की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. जांच में यह भी सामने आया है कि तस्करी में इस्तेमाल किया गया अस्पताल सिर्फ एक बैठक स्थल के रूप में उपयोग नहीं किया जा रहा था, बल्कि संभवतः इस गतिविधि में और भी लोग शामिल हो सकते हैं.
सीमावर्ती क्षेत्रों से ड्रग्स लाकर प्रदेश में फैलाने का प्रयास
पुलिस ने अस्पताल से जुड़े सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं और कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है. यूपी एएनटीएफ के अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है. टीम ने बताया कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जा रही है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों से ड्रग्स लाकर प्रदेश में फैलाने का प्रयास कर रहे हैं.