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UP: खुले में पड़ी मृत गायों को नोच रहे कुत्ते और कौए, कानपुर नगर निगम की बड़ी लापरवाही

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार गायों के लिए सख्त कानून बनाती है. मगर, हॉस्पिटल में मरने वाली गायों को कानपुर नगर निगम के कर्मचारी शहर के बगल में नहर के किनारे फेंक देते हैं. इसका खुलासा 'आजतक' की टीम ने खुद नगर निगम की गाड़ी का पीछा करके किया है.

मृत गायों को ले जाते नगर निगम की गाड़ी मृत गायों को ले जाते नगर निगम की गाड़ी
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 24 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार गायों के लिए सख्त कानून बनाती है. इसके लिए गांवो में गौशाला बनाती है. नगर निगम में बनी गौशालाओं के लिए खास बजट भी देती है. मगर, कानपुर हॉस्पिटल में मरी गायों के साथ हो रही दुर्दशा देखकर रूह कांप जाएगी. 

दरअसल, हॉस्पिटल में मरने वाली गायों को नगर निगम के कर्मचारी शहर में ही नहर के किनारे खुले में फेंक देता है. इसके बाद उनकी खाल को उतार ली जाती है. उनकी बॉडी को कुत्ते और कौवे नोच-नोच कर खाते हैं. महीनों से चल रहे इस खेल पर किसी अधिकारी का ध्यान तक नहीं गया. इसका खुलासा 'आजतक' की टीम ने खुद नगर निगम की गाड़ी का पीछा करके किया है.

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कानपुर के राय पुरवा में पशु चिकित्सालय है. यहां पूरे शहर की गौशालाओं में बीमार गायें लाई जाती हैं. इसके साथ-साथ ही शहर में एक्सीडेंट में घायल हुए गायों को भी लाई जाती हैं. इसके बाद जो गाय मर जाती हैं, उनको यहां से नगर निगम के कर्मचारी सूचना मिलते ही ले जाती है. नियम यह है कि गाय की बॉडी को ले जाकर गड्ढा खोद कर उसको सम्मान से दफनाया जाए. मगर, नगर निगम कर्मचारी इन गायों की बॉडी को ले जाकर पनकी नहर के पास खुले में फेक देता हैं. 

गयों का खाल निकालने का चलता है खेल

इसके बाद रात के अंधेरे में मृत गायों की बॉडी से खाल उतार लिया जाता है. फिर खुले में ही इनको कुत्ते और कौए को खाने के लिए छोड़ दिया जाता है. उसके बाद जो हड्डियां बचती हैं, उनको भी चोरी-छिपे खरीदारों को बेच दिया जाता है. गुरुवार को जब नगर निगम के कर्मचारी हॉस्पिटल से मृत 9 गायों लेकर निकला तो 'आजतक' की टीम गाड़ी के पीछे-पीछे चल पड़ी. 

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'आजतक' की टीम को देखकर भागे कर्मचारी

मृत गायों से लोड गाड़ी पनकी नहर के किनारे जा पहुंचा. उसके बाद वहा मृत गायों को पलट दिया. अचानक उनकी नजर 'आजतक' की टीम पर पड़ी, तो वो वहां से भाग निकले. इसके बाद हमने वहां का नजारा देखा, तो रूह कांप गई. वहां दर्जनों की संख्या में गाय की बॉडी पड़ी थी. दर्जनों की संख्या में गाय की सूखी हड्डियां पड़ी थी. चारों ओर कुत्ते गाय की बॉडी की दुर्दशा कर रहे थे. 

मामले में 'आजतक' की टीम नगर निगम हॉस्पिटल के डॉक्टर राजेन्द्र बाबू से बात की, तो उन्होंने माना कि मृत गायों की बॉडी को दफनाना चाहिए. मृत गायों को खुले में छोड़ने से रेबीज फैलने का खतरा रहता है. उन्होंने कहा कि मैं खुद जाता हूं. अपने सामने में मृत गायों को दफनाने का काम करता हुं. यह बिल्कुल गलत है. मैं इस मामले में नगर निगम से बात करूंगा. मृत गाय को दफनाने की जिम्मेदारी नगर निगम के अधिकारियों की होती है.

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