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लोकसभा में यूपी में हार की समीक्षा करेगा BJP का केंद्रीय नेतृत्व, 2 दिन के लखनऊ दौरे पर रहेंगे बीएल संतोष

बीएल संतोष समीक्षा रिपोर्ट पर मंथन करेंगे. इसके लिए सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों को भी बैठक में बुलाया गया है. जिन लोकसभा सीटों पर बीजेपी हार गई है, उनके प्रभारियों को भी इस मीटिंग में बुलाया गया है. उनसे पूछा जाएगा कि बीजेपी इस बार अच्छा क्यों नहीं कर पाई.

बीएल संतोष (फाइल फोटो) बीएल संतोष (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 06 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार पर केंद्रीय नेतृत्व पहली बार समीक्षा करेगा. इसे लेकर बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष आज से 2 दिन के लखनऊ दौरे पर हैं, जहां वह पार्टी की समीक्षा रिपोर्ट देखेंगे और पार्टी नेताओं के साथ हार पर मंथन करेंगे. बीएल संतोष के सामने यूपी में लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन की समीक्षा रिपोर्ट रखी जाएगी. यूपी में बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व हारी हुई सीटों की रिपोर्ट तैयार कर चुका है.

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इस समीक्षा के लिए बीजेपी के नेताओं ने कई दिन का वक्त लिया और बीजेपी के 40 नेताओं को हारी हुई सीटों पर भेजकर समीक्षा कराई गई. लोकसभा चुनाव में बीजेपी 75 और उसके सहयोगी दल 5 सीटों पर चुनाव लड़े थे. बीजेपी इस बार सिर्फ़ 33 सीटों पर ही चुनाव जीत पाई थी. इस तरह से उसे 29 सीटों का नुक़सान हुआ. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 62 और सहयोगी पार्टी अपना दल ने 2 सीटें जीती थीं. 

पार्टी ऑफिस में बीएल संतोष सबसे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. हालांकि अब तक ये समीक्षा प्रदेशस्तर पर होती रही है, लेकिन पहली बार केंद्रीय नेतृत्व के सामने टास्क फ़ोर्स की समीक्षा रिपोर्ट होगी.

बीएल संतोष समीक्षा रिपोर्ट पर मंथन करेंगे. इसके लिए सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों को भी बैठक में बुलाया गया है. जिन लोकसभा सीटों पर बीजेपी हार गई है, उनके प्रभारियों को भी इस मीटिंग में बुलाया गया है. उनसे पूछा जाएगा कि बीजेपी इस बार अच्छा क्यों नहीं कर पाई. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में पार्टी नेताओं की आपसी कलह से लेकर सही उम्मीदवारों के चयन न होने तक पर चर्चा होगी. इसके अलावा बीजेपी की विस्तारित राज्य कार्यकारिणी की बैठक इसी महीने की 14 तारीख को होगी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इसमें शामिल होंगे. 

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आम तौर पर इस मीटिंग में बीजेपी के ज़िला अध्यक्षों को बुलाया जाता है, लेकिन इस बार पार्टी के मंडल अध्यक्ष भी इसमें शामिल होंगे. एक विधानसभा में तीन से लेकर छह मंडल अध्यक्ष होते हैं. सूत्रों ने बताया कि 1918 मंडल अध्यक्ष राज्य कार्यकारिणी में बुलाए गए हैं. बीजेपी की कोशिश है कि विवाद को बढ़ाने की बजाय सबको साथ लेकर चला जाए.

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