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यूपी में 'मिशन 80' में जुटी BJP, 20 कलस्टरों में बांटी लोकसभा चुनाव, इन नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. यहां से सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट आती हैं. इसलिए राजनीति में कहावत भी है कि यूपी से ही दिल्ली का सफर तय होता है. यानी कि जिस पार्टी के पास यूपी में सबसे अधिक सीटें हों, उसका रास्ता प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए खुद बन जाता है.

बीजेपी ने प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों को 20 कलस्टरों में बांट दिया है बीजेपी ने प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों को 20 कलस्टरों में बांट दिया है
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 13 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटों को जीतने का दावा कर रही बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके चलते प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को 20 क्लस्टर में विभाजित किया गया है. इसमें 5 क्लस्टर हारी हुई सीटों के हैं और 15 क्लस्टर जीती हुई सीटों के बनाए गए हैं. बीजेपी ने यूपी सरकार के मंत्रियों और पार्टी के नेताओ को इन क्लस्टरों का प्रभारी भी नियुक्त किया है. 

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दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. यहां से सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट आती हैं. इसलिए राजनीति में कहावत भी है कि यूपी से ही दिल्ली का सफर तय होता है. यानी कि जिस पार्टी के पास यूपी में सबसे अधिक सीटें हों, उसका रास्ता प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए खुद बन जाता है.

किसे मिली कौन से जिलों की जिम्मेदारी

-वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना को लखनऊ, उन्नाव, मोहनलालगंज और रायबरेली लोकसभा सीटों के क्लस्टर का प्रभारी नियुक्त किया गया है.

-कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही आजमगढ़, मऊ और बलिया सीटों के क्लस्टर प्रभारी होंगे. 

-पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह कैसरगंज, बहराइच, श्रावस्ती और गोंडा सीटों के क्लस्टर प्रभारी होंगे. 

-पूर्व मंत्री सुरेश राणा को बरेली, पीलीभीत, आंवला, शाहजहांपुर और बदायूं सीटों के क्लस्टर का प्रभारी बनाया गया है.

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-व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल को गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बागपत और मेरठ सीटों के क्लस्टर के प्रभारी का दायित्व दिया गया है. 

-समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण को हाथरस, मथुरा और अलीगढ़ सीटों का क्लस्टर प्रभारी नियुक्त किया गया है.

-खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव को वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली सीटों का क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है. 

-परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह को अयोध्या और अंबेडकरनगर सीटों का क्लस्टर प्रभारी नियुक्त किया गया है. 

-कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनिल यादव हमीरपुर, बांदा व फतेहपुर सीटों के क्लस्टर प्रभारी होंगे.

2014 और 2019 में बीजेपी का प्रदर्शन 

2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने यूपी की 80 में से 73 सीटें जीती थी. बीजेपी 71 और अनुप्रिया पटेल की अपना दल ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था, लेकिन 2019 के चुनाव में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के चलते बीजेपी का समीकरण गड़बड़ा गया था. ऐसे में बीजेपी गठबंधन 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें ही जीत सका था. इस तरह से 2014 की जीती अपनी 9 सीटें 2019 में गंवा दी थी. 

2019 में बीजेपी इन 16 सीटों पर हारी 

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, राययबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना इन 16 सीटों पर हार मिली थी. इन 16 सीटों में से 10 बसपा, पांच सपा और एक कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन बीजेपी ने उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर की सीट पर जीत हासिल कर ली. इस तरह से अब बीजेपी का फोकस 14 सीटों पर है, जिसके लिए मंथन किया जा रहा है.

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