
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हरियाणा में जीत के बाद अब उत्तर प्रदेश उपचुनाव में ओबीसी वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई है. पार्टी ने हरियाणा चुनाव में जिस तरह ओबीसी वोटरों को अपने पक्ष में किया, उसी फार्मूले को अब यूपी में भी लागू करने का फैसला लिया गया है. इसके तहत जल्द ही भाजपा का पिछड़ा वर्ग मोर्चा राज्य में अलग से अभियान शुरू करेगा.
हरियाणा में भाजपा को बड़ी संख्या में ओबीसी वोट मिले थे जिसका मुख्य कारण था मुख्यमंत्री को चुनाव से पहले बदकर नए चेहरे को आगे करना. पार्टी ने चुनाव से कुछ समय पहले मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं. इस बदलाव का असर नतीजों में साफ तौर पर दिखा. अब यूपी उपचुनाव में भी भाजपा इसी रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी और ओबीसी वोटरों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी.
उत्तर प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता ओबीसी समुदाय से हैं. ऐसे में भाजपा का पिछड़ा वर्ग मोर्चा इन वोटरों तक पहुंचने के लिए पूरी तरह सक्रिय रहेगा. संगठन के माध्यम से ओबीसी वर्ग को यह संदेश दिया जाएगा कि भाजपा उनके साथ है और उनके आरक्षण या अधिकारों पर कोई आंच नहीं आने देगी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के बीच उत्तर प्रदेश में तीन दिन तक इस मुद्दे पर चर्चा हुई. इसमें यह तय किया गया कि ओबीसी समुदाय के बीच यह धारणा काटने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे कि उनके अधिकारों को नुकसान होगा. इस अभियान में RSS के प्रचार प्रमुख सुनील अम्बेकर की अहम भूमिका बताई जा रही है.
इंडिया टुडे से बातचीत में भाजपा के राज्य प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा कि हरियाणा में पार्टी ने सभी 36 जातियों के साथ खड़े होकर चुनाव लड़ा, जिसका परिणाम कांग्रेस की करारी हार के रूप में सामने आया. उन्होंने कहा, 'आगामी चुनाव में भी हम सबको साथ लेकर चलेंगे और जनता का समर्थन हमारे साथ रहेगा.'