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लखनऊ KGMU के डॉक्टरों ने किया कमाल... मात्र 30 रुपये की दवा से हो सकेगा Black Fungus का इलाज, ईजाद की ये मेडिसिन

अभी तक बाजार में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जो दवाएं उपलब्ध थीं वो काफी महंगी थीं. लेकिन अब आंखों में होने वाले ब्लैक फंगस जैसे जटिल संक्रमण के इलाज के लिए जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी.

ब्लैक फंगस का इलाज (सांकेतिक फोटो) ब्लैक फंगस का इलाज (सांकेतिक फोटो)
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

आंखों में होने वाले ब्लैक फंगस (Black Fungus) जैसे जटिल संक्रमण के इलाज के लिए अब जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी. क्योंकि, लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने मात्र 30 रुपये की गोली से ब्लैक फंगस के रोग को ठीक करने में सफलता प्राप्त की है. 

जानकारी के मुताबिक, आंखों के ब्लैक फंगस संक्रमण के रोग को ठीक करने के लिए इट्राकोनाजोल नामक दवा बहुत ही कारगर साबित हुई है, जिसके चलते केजीएमयू के इस सफल शोध के बाद जर्नल स्प्रिंगर ने इसे प्रकाशित कर इसको मान्यता दी है. 

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वहीं, केजीएमयू संक्रामक रोग के चीफ डॉक्टर डी. हिमांशु ने बताया कि कोविड के दौरान जब कोरोना मरीज का ट्रीटमेंट होता था या जो मरीज सही हो जाते थे तो उसके उपरांत ब्लैक फंगस जैसी आंखों में बीमारी पनप जाती थी. क्योंकि, महामारी में मानव जीवन बचाने के लिए स्टेरॉइड का भी प्रयोग किया जाता था जिससे आंखो में ब्लैक फंगस होने लगते थे. 

हालांकि, यह बीमारी कोई नई नहीं है और इसके इलाज के लिए एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन इस्तेमाल में लाया जाता था. जिसकी कीमत लगभग दो हजार रुपये है. इसके अतिरिक्त दो और दवाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं जिनमें पोसाकोनाजोल और इसावुकोनोजोल है. पोसाकोनाजोल टैबलेट की बात करें तो यह दवा 450 रुपये तक आती है लेकिन वहीं इसावुकोनोजोल की एक गोली बहुत मंहगी है. जिसकी कीमत 5800 रुपये के आसपास है. 

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डॉ हिमांशु ने बताया कि रिसर्च के वक्त फंगल इंफेक्शन के मरीज को इट्राकोनाजोल दवा छः महीने दो-दो गोली रोज खाने के लिए दी गई. जिसमें आश्चर्यजनक नतीजे सामने आए और मरीज के आंख में मौजूद ब्लैक फंगस बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई और वह स्वस्थ हो गया. क्योंकि, दवा काफी कारगर साबित हुई. 

क्या है ब्लैक फंगस ?

यह एक दुर्लभ संक्रमण है, जो म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने के कारण होता है और जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद और सड़ते फलों और सब्जियों में पाया जाता है. ज्यादातर सांस के जरिए वातावरण में मौजूद फंगस हमारे शरीर में पहुंचते हैं.

क्या हैं लक्षण?

चेहरे पर सूजन, सिरदर्द होना, नाक बंद होना, उल्टी, बुखार, चेस्ट पेन होना, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं.

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