
गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में एक रोलर बनाने वाली फैक्ट्री में शुक्रवार सुबह बॉयलर फटने से भीषण धमाका हुआ. इस हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया. परिजनों ने फैक्ट्री मालिक पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
भोजपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह 4 बजे एक रोलर बनाने वाली फैक्ट्री में बॉयलर फटने से जोरदार धमाका हुआ. धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री की दीवार गिर गई और आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. इस हादसे में तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक मजदूर घायल हो गया.
मृतकों की पहचान, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की पहचान योगेंद्र (मोदीनगर), अनुज (भोजपुर) और अवधेश (जेवर) के रूप में हुई. वहीं, लक्की नाम का मजदूर घायल हुआ है, लेकिन उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. हादसे की खबर सुनकर मृतकों के परिजन मौके पर पहुंचे और उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया.
बॉयलर की खराबी पहले भी बताई गई थी, लेकिन मालिक ने ध्यान नहीं दिया
हादसे में बच गए मजदूर लक्की ने बताया कि बॉयलर में पहले से खराबी थी. मजदूरों ने इसके ढीले बोल्ट और बढ़ते तापमान को लेकर पहले भी शिकायत की थी, लेकिन फैक्ट्री मालिक ने ध्यान नहीं दिया. शुक्रवार सुबह तापमान बढ़ने से अचानक बॉयलर फट गया और तीन मजदूरों की जान चली गई.
परिजनों ने फैक्ट्री मालिक पर लगाया लापरवाही का आरोप
मृतक योगेंद्र के बेटों, सचिन और विशाल रावत ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि फैक्ट्री नॉर्डस्टर्न रबर एंड रोल प्राइवेट लिमिटेड में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था. अगर मालिक ने सही समय पर बॉयलर की मरम्मत करवाई होती तो यह हादसा टल सकता था.
पुलिस जांच में जुटी, दोषियों पर होगी कार्रवाई
घटना के बाद भोजपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस प्रथम दृष्टया इसे लापरवाही का मामला मान रही है. हालांकि, धमाके के असली कारणों का पता जांच के बाद ही चलेगा. प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी.
इलाके में दहशत, प्रशासन पर उठे सवाल
धमाके के बाद फैक्ट्री के आसपास रहने वाले लोग भी डर गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्री में पहले भी कई सुरक्षा नियमों की अनदेखी की गई थी. अब इस घटना के बाद प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं.