
उत्तर प्रदेश के आगरा में प्रजापति ब्रह्माकुमारी आश्रम में दो सगी बहनों द्वारा फांसी के फंदे पर झूलकर सुसाइड वाले मामले में आगरा पुलिस माउंट आबू जाकर भी तहकीकात करेगी. इसके लिए एक टीम को माउंट आबू के लिए रवाना कर दिया गया है. दोनों बहनों के शवों का पोस्टमार्टम भी कराया गया है. आगरा एसपी ने बताया था कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम लिखे हैं वह सभी दूसरे शहरों के हैं.
सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम की तरह उम्रकैद की सजा दिलाने के लिए कहा है. उन्होंने लिखा है,'योगी जी इन आरोपियों को आसाराम बापू की तरह उम्रकैद की सजा दिलाना.' मृतक बहनों ने सुसाइड नोट में चारों आरोपियों पर पैसे हड़पने के साथ-साथ अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप भी लगाए हैं. एसीपी खैरागढ़ के मुताबिक चारों आरोपी आगरा से बाहर के हैं.
तीन पेज का सुसाइड नोट, चार लोगों के नाम
आत्महत्या करने वाली 38 साल की एकता और 32 साल की शिखा तांतपुर के रहने वाले अशोक कुमार सिंघल की बेटियां थीं. दोनों सगी बहिनों ने आत्महत्या से पहले तीन पेज का सुसाइड नोट लिखा. नोट में आत्महत्या का जिम्मेदार संस्था के चार लोगों को ठहराया, जिनमें तीन पुरुष और एक महिला है. चारों पर रुपए हड़पने से लेकर अनैतिक गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगाए हैं. आत्महत्या से पहले मृत बहिनों ने सुसाइड नोट अपने परिवार के लोगों और आश्रम के व्हाट्सएप ग्रुप पर भी डाला था.
8 साल पहले ली थी दोनों बहनों से दीक्षा
एकता और शिखा ने 8 साल पहले ब्रह्माकुमारी की दीक्षा ली थी. दीक्षा के बाद उनके परिवार ने जगनेर में ब्रह्माकुमारी केंद्र बनवा दिया था, जिसमें यह रह रही थी. सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए लिखा कि सभी आरोपियों को आसाराम बापू की तरह ही आजीवन कारावास दिया जाए.
शिखा ने लिखा एक पेज, दो पेज पर एकता ने लिखा अपना दुख
शिखा ने एक पेज का सुसाइड नोट लिखा जबकि एकता ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा है. शिखा के सुसाइड नोट में दोनों का पिछले एक साल से परेशान होने का जिक्र किया गया है. दोनों ने अपनी मौत का जिम्मेदार आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार ठहराई.
चारों ने हमारे साथ गद्दारी की
सुसाइड नोट में एकता ने यह जिक्र किया कि नीरज ने उसके साथ केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था. केंद्र बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया एक साल से हम बहिनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी. उसका साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद ने भी दिया. 15 साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा, इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है.
गरीब माता के रुपए हड़पे गए
सुसाइड नोट में उनके पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपए आश्रम से जुड़े व्यक्तियों को दिए थे. सुसाइड नोट के माध्यम से यह भी आरोप लगाया कि 18 लाख रुपए गरीब माता के उसी व्यक्ति ने हड़प लिए, इसके बाद ये लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते है, ये लोग यज्ञ में बैठने लायक भी नहीं है. धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करने वाले लोग दबंगई दिखाते हैं और अपनी पहुंच का भेद दिखाकर कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता है.
आसाराम बापू की तरह हो आजीवन कारावास
एकता ने सुसाइड नोट में लिखा कि योगी जी इनको आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास की सजा दें. इन लोगों ने हमारे साथ तो गलत नहीं किया, लेकिन बहूतों के साथ किया है, किसी से पैसे लाते हैं और उसी पर केस कर देते हैं. सुसाइड नोट में एकता ने यह भी जिक्र किया है कि यह लेटर मुन्नी बहन और मृत्युंजय भाई के पास पहुंच जाए.
हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी की गई
पुलिस को आश्रम से यह सुसाइड नोट मिल गया हैं, इसमें लगाए गए आरोपों की पुलिस गहना से जांच पड़ताल में जुट गई हैं. शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि कई बहाने सुसाइड कर लेती है और यह लोग छिपा लेते हैं. मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी की गई है.
पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉडर्न कंपनी में नौकरी करता है. इसने हमें भरोसा दिलाया कि केंद्र बनने के बाद मैं आपके साथ रहूंगा. इसके बाद उसने बात करना बंद कर दिया. एक साल हम दोनों बहने इसके सामने रोते रहे और उसने एक न सुनी और इसका साथ ग्वालियर मोती झील वाली पूनम, इसका बाप ताराचंद और उसकी बहिन का ससुर गुड्डन जो जयपुर में रहता है. यह हमारे साथ 15 साल से रह रहा था. यह हमसे झूठ बोलता रहा.
कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं और ये लोग सब कुछ छुपा लेते हैं
दोनों ने आगे लिखा है कि हम दोनों बहनों ने कोई गलती नहीं कि इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है. सेंटर को बनवाने में यज्ञ का कोई पैसा नहीं है. सारा पैसा हमारा लगा है. यह हमेशा बोलता रहा आप चिंता मत करो मैं सब संभाल लूंगा.
यह हमेशा कहता था कि मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते मेरा बाप ताराचंद वकील है वह मुझे कुछ नहीं होने देगा. कई बहिनें सुसाइड कर लेती है और ये लोग सब कुछ छुपा लेते हैं. हमारे साथ कोई नहीं है हम अकेले पड़ गए हैं इसलिए यह कदम उठाना पड़ रहा है.
चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए केस लड़ना, इसे बहनों की राखी का समझना
मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहिनों की तरफ से लड़ना आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए. आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना. इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. सब सबूत आश्रम में रखे हैं. प्लीज हमें गलत ना समझा जाए, हमने इस पर भरोसा किया था, हमें धोखा मिला है. इसके पास हमारे 25 लाख रुपए हैं.
सेंटर के आश्रम के उद्घाटन के लिए इसके पास जमा करवा दिए थे यह गरीब माताओं का पैसा था, 7 लाख मेरे पापा ने प्लॉट दिलवाया था उसे बेच कर दिए थे. 18 लाख रुपए गरीब माताओं का पैसा था. अब इसमें पैसा देने से मना कर दिया यह लोगों से झूठ बोलता है कि सेंटर इसने बनवाया है. सेंटर में इसका तन से सहयोग है इसमें हमारे रुपए से फ्लैट खरीद लिया है.