
उत्तर प्रदेश के झांसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. सामूहिक विवाह में दूल्हे के नहीं आने पर एक दुल्हन की उसके शादीशुदा जीजा से शादी करा दी गई थी. जिसपर अब एक्शन लेते हुए सामूहिक विवाह में मिले सामान को दुल्हन से वापस ले लिया गया है. साथ ही मामले में जांच बैठा दी गई है.
बता दें कि 27 फरवरी को झांसी के पॉलिटेक्निक कॉलेज के मैदान में हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 'खेला' हुआ था. इसकी खबर प्रमुखता से दिखाई गई थी. पहले तो प्रशासन मानने को तैयार नहीं था लेकिन अब समाज कल्याण विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही दुल्हन से सारा सामान वापस ले लिया गया है.
इस सामूहिक विवाह समारोह में 132 जोड़ों का विवाह कराया गया था. लेकिन एक जोड़ा संदिग्ध नजर आया. क्योंकि, फेरे लेने के बाद दुल्हन बनी खुशी अपनी मांग का सिंदूर पोंछ रही थी. उसने माथे से बिंदी आदि को भी हटा दिया था. जांच करने पर पता चला कि दुल्हन खुशी का पति नहीं आया था. उसने अपने जीजा दिनेश संग फेरे लिए हैं. जीजा दिनेश पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं.
बताया जा रहा है कि सामूहिक विवाह में मिलने वाले सरकारी पैसे और सामान को हड़पने के लिए ये पूरा खेल खेला गया था. इसमें विभाग के कुछ लोगों की मिलीभगत की बात कही जा रही है.
फिलहाल, मामला मीडिया में आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा कि जांच के बाद मिले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
समाज कल्याण अधिकारी, ललिता यादव ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि सामूहिक विवाह समारोह की जो खबर चलाई गई है, उसे संज्ञान में लेकर जांच की गई तो मालूम हुआ कि दुल्हन बनी लड़की का नाम खुशी है. मैं स्वयं उसके घर पर बामोर गई हुई थी, मामला सही पाया गया है. लड़की से सारा सामान वापस ले लिया गया है. साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है.