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बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने जन्मदिन पर प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र और यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र की मुफ्त राशन स्कीम को आड़ें हाथों लेते हुए कहा कि मुफ्त अनाज देकर सरकार लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है.
बसपा चीफ ने आगे कहा,'हमने यूपी में अपनी 4 बार की सरकार में सभी वर्गों के लिए काम किया. अल्पसंख्यक, गरीब, मुस्लिम, किसान और अन्य मेहनतकश लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं, जिन्हें सरकारें नाम बदलकर अपना बनाने की कोशिश कर रही हैं. लेकिन सरकारों के जातिवादी होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा है.'
हमने रोजगार के साधन दिए: मायावती
मायावती ने कहा कि रोजगार के साधन देने के बजाय फ्री में थोड़ा सा राशन देकर लोगों को मोहताज बनाया जा रहा है. जबकि हमारे कार्यकाल में अपनी सरकार के दौरान हमने वर्तमान सरकारों की तरह लोगों को मोहताज नहीं बनाया. हमने सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के साधन दिए.
धर्म और संस्कृति की राजनीति पर निशाना
उन्होंने केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने कहा कि हमने अपनी सरकार के दौरान लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का मौका भी दिया, लेकिन वर्तमान समय में यह होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आग में राजनीति कर रही है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है.
'पार्टियों ने हमारी योजनाओं की नकल की'
मायावती ने अपने संबोधन में कहा, 'हमने यूपी में अपनी पार्टी के नेतृत्व में खासतौर पर आदिवासी, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और मुस्लिमों के कल्याण के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं. दूसरी पार्टियों ने उनकी नकल करके, थोड़ा नाम बदलकर उसे भुनाने को कोशिश की.'
बीएसपी का सत्ता तक पहुंचना बहुत जरूरी
उन्होंने आगे कहा कि इन सभी पार्टियों के चलते विकास नहीं हो सकता है. एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए सरकारी नौकरी और अन्य क्षेत्रों में जो नौकरियों का प्रावधान वह लाभ भी नहीं मिल पा रहा है, दयनीद स्थिति बनी हुई है. बहुजन समाज के सभी वर्गों को बीएसपी से जुड़ना और फिर सत्ता तक पहुंचना बहुत जरूरी है. यह बात भी ध्यान में रखनी होगी की यह लोग अपने मकसद में कामयाब ना हो सकें. इसलिए सभी विरोधी दल अंदर ही अंदर एक हो कर इन्हें सत्ता से दूर रखा जाते.
अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बसपा
मायावती ने कहा कि ऐसी अफवाह उड़ाई जा रही है कि मायावती जल्दी ही राजनीति से संन्यास लेना चाहती हैं, लेकिन मैं अंतिम सांस तक राजनीति में रहकर पिछड़ों के लिए लड़ती रहूंगी. हमारी पार्टी देश में जल्दी ही घोषित होने वाले लोकसभा चुनाव दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों, मुस्लिमो और अल्पसंख्यकों के दम पर अकेले ही लड़ेगी.
क्यों अकेले चुनाव लड़ने जा रही है पार्टी
बसपा प्रमुख ने अकेले चुनाव लड़ने का कारण बताते हुए कहा कि बीएसपी अकेले चुनाव इसलिए लड़ती है, क्योंकि इसका सर्वोच्च पद दलित का ही है. अपर कास्ट वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हो पाता और गठबंधन में हमारा वोट उन्हें चला जाता है. हमे इसका लाभ नहीं मिलता. सपा और कांग्रेस का उदाहरण देकर समझाया. पिछले बार देखा गया है कि पुराने चुनावों में कांग्रेस और सपा का ही फायदा हुआ, जब गठबंधन हुआ. यूपी विधान सभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ बीएसपी अकेले सरकार भी बना चुकी है.