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'मेरठ में दलित पार्षदों के साथ मारपीट निंदनीय', अखिलेश के बाद बोलीं मायावती

मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक के दौरान विपक्षी पार्षदों के साथ मारपीट की घटना को लेकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बाद अब मायावती का रिएक्शन आया है. उन्होंने इस घटना को दुखद और निंदनीय बताते हुए सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है.

मेरठ में पार्षदों की पिटाई पर अब बोलीं मायावती मेरठ में पार्षदों की पिटाई पर अब बोलीं मायावती
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:48 AM IST

मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक के दौरान विपक्षी पार्षदों के साथ मारपीट की घटना को लेकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बाद अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती का रिएक्शन आया है. उन्होंने पार्षदों की कथित पिटाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. 

हाल ही में मेरठ नगर निगम बोर्ड की बैठक के दौरान भाजपा और विपक्षी दलों के सदस्य आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर अपने पार्षदों का अपमान करने और उन पर हमला करने का आरोप लगाया है.  

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बीएसपी सुप्रीमो ने X पर लिखा, "यूपी के जिला मेरठ में अभी हाल ही में भाजपा मंत्री व विधायक द्वारा सत्ता के अहंकार में अपनी दबंगई दिखाते हुए नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय. भाजपा एवं सरकार तुरंत इसका संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे." 

इस घटना के बाद यूपी में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि दलित पार्षदों को बीजेपी सदस्यों ने निशाना बनाया. हालांकि बीजेपी की ओर से इस आरोप को खारिज कर दिया गया.  

'सत्ता के नशे में बीजेपी', मेरठ में विपक्षी पार्षदों से हाथापाई पर बोले जयंत चौधरी, अखिलेश बोले- चुनाव में मिलेगा जवाब

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी नेताओं के 'सत्ता के अहंकार' में डूबने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि भाजपाई सत्ता के अंहकार में डूबकर दलितों से जो अपमानजनक व्यवहार कर रहे हैं, उसका जवाब उन्हें आने वाले लोकसभा चुनाव में मिलने वाला है. बीजेपी आगामी हार की हताशा में हिंसक हो गई है.  

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वहीं आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने मेरठ जाकर पीड़ित विपक्षी पार्षदों से मुलाकात की थी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेता सत्ता के नशे में घूंसों का इस्तेमाल करते हैं.''  

जयंत ने कहा, "योगी आदित्यनाथ को सोचना चाहिए कि उनकी टीम में ऐसे लोगों के रहते न्याय और कानून-व्यवस्था कैसे होगी? योगीजी को खुद इस पर कार्रवाई करनी चाहिए." 

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