
यूपी के बहराइच जिले के 35 गांवों में आतंक मचाने वाला चौथा आदमखोर भेड़िया गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंच गया है. भेड़िये के पहुंचते ही गोरखपुर चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ. योगेश प्रताप और उनकी टीम ने उसे तय स्थान पर शिफ्ट कर दिया है.
इंसानों को मौत के घाट उतारने वाले अब तक 4 आदमखोर भेड़िये पकड़े जा चुके हैं. इनमें से दो भेड़ियों को लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा गया है, जबकि एक की मौत हो चुकी है. जिस नर भेड़िये को गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया है, उसका आकार अब तक पकड़े गए भेड़ियों में सबसे बड़ा है. इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह सबसे खतरनाक भेड़िया होगा.
गोरखपुर चिड़ियाघर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि भेड़िया गुरुवार की रात करीब 10 बजे गोरखपुर पहुंचा. रात होने के कारण उसे क्वारंटाइन कर दिया गया. साथ ही उस के खाने-पीने की चीज अलग से उपलब्ध करा दी गई. रात काफी होने की वजह से ज्यादा जांच नहीं हो सकी, इसलिए शुक्रवार को दिन की रोशनी में उसका परीक्षण किया जायेगा.
कबसे शुरू हुआ भेड़ियों का आतंक?
बता दें कि बहराइच के औराही गांव से भेड़ियों के आतंक की शुरुआत हुई. यहां भेड़ियों ने पहला अटैक 7-7 साल के दो बच्चों पर किया. फिरोज नाम के बच्चे पर करीब डेढ़ महीने पहले भेड़ियों के झुंड ने हमला कर दिया था. वो अपनी मां के साथ सोया था, तभी रात करीब 12 बजे एक भेड़िया घर के बरामदे में घुसा और उसकी गर्दन दबोचकर भाग गया. इस दौरान उसकी मां दोनों पैर पकड़कर बच्चे को बचाने की कोशिश करती रही.
भेड़िया बच्चे को करीब 200 मीटर दूर तक खेत में घसीटकर ले गया. जब उसकी मां ने शोर मचाया तो गांव के लोग जुटे और फिर भेड़िया बच्चे को गांव के पास खेत में छोड़कर भाग गया. लहूलुहान फिरोज को परिवार और गांव के लोग अस्पताल ले गए, जहां 13 दिनों तक इलाज के बाद उसकी जान बच सकी. उसके चेहरे, गर्दन, सिर, कान, पीठ और छाती पर भेड़िए के काटे हुए निशान आज भी मौजूद हैं और वह बच्चा भेड़िये के नाम से ही सिहर जाता है.
रात में बंदूक लेकर निकले विधायक
भेड़ियों के हमलों से सहमे गांववालों की हिम्मत बढ़ाने के लिए बहराइच की मेहसी सीट से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह भी अपने समर्थकों के साथ लाइसेंसी बंदूक लेकर भेड़ियों की खोज में निकले. उनके समर्थकों के पास भी मॉडर्न हथियार हैं. उनका कहना है कि बंदूक का यह प्रदर्शन लोगों में विश्वास जगाने के लिए है ना कि कानून हाथ में लेकर खुद से वन्य जीवों की हत्या के लिए.
विधायक ने कहा कि वो चार लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और अगर लोगों के ऊपर खतरा है तो वह बंदूक के साथ खुद निकलकर लोगों को भरोसा दे रहे हैं कि वह सुरक्षित हैं. लोगों को उकसाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह लोगों को वन्य जीवों की हत्या के लिए नहीं उकसा रहे, बल्कि इंतजार कर रहे हैं कि वन विभाग इन भेडियों को पकड़ ले अन्यथा सर से पानी ऊपर जाएगा तो लोग कुछ भी कर सकते हैं.