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कैश कांड विवादः इलाहाबाद HC बार एसोसिएशन ने बुलाई बैठक, बढ़ सकती हैं जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने मामले की ED और CBI से जांच की मांग की थी. साथ ही बार की मीटिंग रखी गई है, जिसमें सभी वकीलों का समर्थन हासिल किया जाएगा,ताकि इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जा सके.

जस्टिस यशवंत वर्मा (फाइल फोटो) जस्टिस यशवंत वर्मा (फाइल फोटो)
आनंद राज
  • प्रयागराज,
  • 24 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादले से नाराज इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने बैठक बुलाई है. जनरल हाउस मीटिंग में बार एसोसिएशन से कई प्रस्ताव पास होने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार, जनरल हाउस में महाभियोग का प्रस्ताव पारित करने की मांग रखी जाएगी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेटर भी लिखेंगे.

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बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने मामले की ED और CBI से जांच की मांग की थी. साथ ही बार की मीटिंग रखी गई है, जिसमें सभी वकीलों का समर्थन हासिल किया जाएगा, ताकि इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जा सके.

तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित

बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने 'कैश एट होम' केस में दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. इस जांच कमेटी की अध्यक्षता पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्सिट शील नागू करेंगे. समिति में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्सिट जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन भी शामिल हैं.

क्या है पूरा विवाद?

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जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर एक फायरफाइटिंग ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में कैश मिलने का दावा किया गया था. हालांकि सूत्रों के अनुसार, इस दौरान जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे. इस बीच, उनके घर के बाहर से जले नोटों के बंडल की तस्वीरें सामने आई थीं. मलबा भी जला पड़ा मिला है. इसमें जले नोट भी देखने को मिले हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड में अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी.

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