
प्रसपा चीफ शिवपाल यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गोमती रिवर फ्रंट स्कैम में शिवपाल और कुछ अफसरों के खिलाफ जांच के लिए मंजूरी मांगी है. सीबीआई गोमती रिवर फ्रंट के पुनर्विकास के दौरान कथित घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 17 A के तहत पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. 17 A में पहले मंजूरी की आवश्यकता पड़ती है.
सीबीआई ने जांच की मंजूरी ऐसे वक्त पर मांगी है, जब मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. यह सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है. चुनाव से पहले शिवपाल यादव अखिलेश यादव के साथ आ गए और सैफई का यादव परिवार एक हो गया.
शिवपाल की सुरक्षा घटाई गई
इससे एक दिन पहले ही शिवपाल यादव की सुरक्षा भी कम कर दी गई थी. शिवपाल यादव को पहले Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. हालांकि अब इसे Y श्रेणी की सुरक्षा में तब्दील कर दिया गया है. सुरक्षा मुख्यालय से एसएसपी इटावा और पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र भी भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद शिवपाल यादव की सुरक्षा घटाने को लेकर ये फैसला हुआ है.
विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के करीब आए थे शिवपाल
शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच सबसे पहले मनमुटाव 2017 में सामने आया था. इसके बाद शिवपाल यादव ने सपा छोड़ दी थी और 2018 में प्रसपा का गठन किया था. लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में शिवपाल यादव और अखिलेश एक साथ चुनाव लड़े थे. हालांकि, शिवपाल मैनपुरी से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. लेकिन चुनाव में मिली हार के बाद दोनों के बीच एक बार फिर मनमुटाव की खबरें सामने आई थीं. इसके बाद शिवपाल के बीजेपी में जाने की चर्चा तेज हो गई थी. उन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी. हालांकि, अब मुलायम सिंह यादव के निधन और मैनपुरी में उपचुनाव से पहले शिवपाल एक बार फिर अखिलेश के साथ आ गए हैं.