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कौशांबी का अली अब्बास जिंदा है या मारा गया? CBI पता करेगी सच, सालभर पहले हो गया था 'लापता'

आरोप है कि अब्बास ने अपने दोस्त सैफी के साथ मिलकर 27 अप्रैल, 2023 को 17 साल की एक लड़की का उसके कॉलेज से अपहरण कर लिया था. अब्बास के पिता ने 15 मई, 2023 को यूपी के मुख्य सचिव के समक्ष एक शिकायती पत्र दिया, जिसमें आरोप लगाया कि अब्बास और उस लड़की की हत्या दिलीप यादव, आकाश यादव और अन्य ने की है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अली अब्बास के बारे में पता लगाने के आदेश दिए हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अली अब्बास के बारे में पता लगाने के आदेश दिए हैं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले का अली अब्बास एक पहेली बन गया है. वो जिंदा है या मारा गया? यह पता लगाने के लिए सीबीआई को जांच सौंपी गई है. अली अब्बास पिछले साल 'लापता' हो गया था. उसके बाद से पता नहीं चला है कि वो मर गया है या उसे बंदी बना लिया गया है. सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि यह पता लगाने के लिए सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है.

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उन्होंने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच संभाली है. एजेंसी को 30 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.

लड़की के अपहरण में मुख्य आरोपी था अली अब्बास

आरोप है कि अब्बास ने अपने दोस्त सैफी के साथ मिलकर 27 अप्रैल, 2023 को 17 साल की एक लड़की का उसके कॉलेज से अपहरण कर लिया था. अब्बास के पिता ने 15 मई, 2023 को यूपी के मुख्य सचिव के समक्ष एक शिकायती पत्र दिया, जिसमें आरोप लगाया कि अब्बास और उस लड़की की हत्या दिलीप यादव, आकाश यादव और अन्य ने की है.

पिता ने बेटे का अपहरण का लगाया था आरोप

बाद में पिता ने डाक के जरिए पुलिस अधीक्षक के समक्ष एक और शिकायती पत्र भेजा. इसमें दावा किया कि उनके बेटे और लड़की का अपहरण कर लिया गया और आरोपियों ने उन्हें अज्ञात स्थान पर रखा है.

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पिछले साल 11 अगस्त को पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया था और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराया था. अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि अब्बास की हत्या की गई है और आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराएं जोड़ी गईं. पुलिस ने अपनी इस दलील को मजबूत करने के लिए एक आरोपी गुड्डु के पास से अब्बास के खून से सने कपड़े भी बरामद करने का दावा किया.

गुड्डु के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि अब्बास जिंदा है और दुबई में अपने चाचा के साथ रह रहा है. पुलिस ने शव बरामद किए बिना ही हत्या का आरोप लगा दिया है.

कोर्ट ने क्या कहा...

कोर्ट ने नोट किया कि यह एक ऐसा मामला है जहां मुख्य आरोपी अली अब्बास युवा लड़का है. बहुत पहले से लापता है और जांच अधिकारी ने तथाकथित शव को बरामद किए बिना और साथ ही कोई विश्वसनीय सबूत एकत्र किए बिना सिर्फ आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोप पत्र प्रस्तुत किया है. पुलिस ने मुख्य आरोपी अली अब्बास के कपड़े की बरामदगी का आधार पर पूरी कार्रवाई की है.

अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने इसे गंभीर मामला बताया और सीबीआई को जांच सौंप दी. सीबीआई ने फिर से नाबालिग के कथित अपहरण से संबंधित मामले को दर्ज किया है, जिसमें कौशांबी पुलिस ने अब्बास को मुख्य आरोपी बनाया था.

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प्रक्रिया के अनुसार, सीबीआई राज्य पुलिस की एफआईआर को अपने मामले के रूप में फिर से दर्ज करती है, जो मामले की जांच कर रही है. एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट एक विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत की जाती है जो एफआईआर में आरोपों से सहमत हो भी सकती है और नहीं भी.

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