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'राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के बाद चीतों की सुध नहीं ली...' कूनो में आठवें चीते की मौत पर भड़के अखिलेश यादव

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कूनो नेशनल पार्क में हुई चीते की मौत पर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के बाद चीतों की कोई देखभाल नहीं की गई. उन्होंने कहा कि चीतों की मौत होना निंदनीय और चिंताजनक है.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव. (File Photo) सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव. (File Photo)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 15 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठवें चीते की मौत को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के बाद चीतों की देखभाल नहीं की जा रही है. बता दें कि इससे पहले भी अखिलेश चीतों की मौत को लेकर सरकार को घरते रहे हैं.

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बता दें कि अफ्रीका से लाए गए नर चीता सूरज की शुक्रवार को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में मौत हो गई. पार्क में आठ चीतों की मौत हो चुकी है. अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा कि 'बड़े दुख की बात है कि आज कूनो नेशनल पार्क में आठवें चीते की मौत की खबर आई है. जिन चीतों के लिए भाजपा सरकार ने खूब आडंबर किया था, राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के बाद उनकी सुध नहीं ली गई. निंदनीय-चिंतनशील!'

कूनो नेशनल पार्क में अब तक 5 चीतों के साथ ही तीन शावक दम तोड़ चुके हैं. श्योपुर पार्क में 26 जून को चीता 'सूरज' खुले जंगल में छोड़ा गया था. खुले जंगल में आजाद होने वाला सूरज दसवां चीता था. 

साउथ अफ्रीका से लाए गए और बाड़े नंबर 6 में रखे गए नर चीता तेजस की मौत 11 जुलाई को हुई थी. ये चीता कूनो प्रबंधन की मॉनीटरिंग के दौरान घायल हालत में मिला था. तेजस की गर्दन पर चोट के निशान मिले थे. 

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नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए थे चीते

कूनो नेशनल पार्क में चीता पुनरोत्थान के लिए नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे, लेकिन अलग-अलग कारणों से अब तक 5 वयस्क और 3 शावक दम तोड़ चुके हैं. कूनो में अब 15 वयस्क चीते और 1 शावक स्वस्थ है. इनमें से 12 चीतों को कूनो के खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. वहीं 4 चीते और एक शावक बडे़ बाडे़ में है.

कूनो में कब किस चीते की हुई मौत?

अब तक 5 चीता और 3 शावकों की मौत हो चुकी है. कूनो में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे, इनमें से नामीबियाई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था. 26 मार्च 2023 को नामीबियाई मादा चीता साशा की मौत किडनी इन्फेक्शन के चलते हो गई थी. 

वहीं नर चीता उदय की मौत 23 अप्रैल 2023 को कार्डियो पल्मोनिरी फेलियर के चलते हुई. इसके बाद दक्षा की मौत 9 मई 2023 को नर चीतों के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हो गई थी.

नामीबियाई मादा चीता सियाया (ज्वाला) के 4 शावकों में से एक की मौत 23 मई को हो गई. इसके बाद दो की मौत 25 मई को डिहाइड्रेशन के चलते बताई गई थी. वहीं मंगलवार 11 जुलाई को एक और साउथ अफ्रीकी चीता तेजस की मौत नामीबियाई मादा चीता नाभा (सवाना) के साथ हिंसक इंट्रक्शन के चलते हुई.

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कमल नाथ ने भी सरकार पर साधा निशाना

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने भी चीता सूरज की मौत को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में आठवें चीते की मौत की खबर मिली है. लगातार चीतों की मौत के बावजूद अब तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई है, जिसमें इन वन्य प्राणियों के जीवन को संरक्षित करने की कोई पहल की गई हो. मैं जिम्मेदार लोगों से आग्रह करता हूं कि वह पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों से चर्चा कर शीघ्र ही ऐसा कोई प्लान बनाएं, जिनसे इन प्राणियों के जीवन की रक्षा हो सके.

क्या बोले प्रधान मुख्य वन संरक्षक?

प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि कूनो में सूरज नाम के एक और नर चीते की मौत हो गई है. मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा. ऐसे प्रोजेक्ट में अक्सर मौतें होती रहती हैं. अगर ये मौतें स्वाभाविक रूप से हो रही हैं तो हमें घबराना नहीं चाहिए. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे कोई मौत न हो. फिलहाल इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

(एजेंसी)

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