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देवरिया कत्लेआम... 9 साल से शिकायतों को टरकाने वाले अधिकारियों पर रिटायरमेंट के बाद कार्रवाई, CM योगी का सख्त एक्शन

देवरिया मामले में लापरवाही बरतने वाले राजस्व कर्मियों और पुलिसकर्मियों सहित 15 अधिकारियों पर गाज गिरी है. गौर करने वाली बात यह है कि इसमें वो अधिकारी भी शामिल हैं जो रिटायर हो चुके हैं.

देवरिया कांड पर सीएम योगी का एक्शन देवरिया कांड पर सीएम योगी का एक्शन
राम प्रताप सिंह
  • देवरिया ,
  • 06 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

यूपी के देवरिया में हुए कत्लेआम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई की है. सीएम के आदेश के बाद मामले में लापरवाही बरतने वाले राजस्व कर्मियों और पुलिसकर्मियों सहित 15 अधिकारियों पर गाज गिरी है. गौर करने वाली बात यह है कि इसमें वो अधिकारी भी शामिल हैं जो रिटायर हो चुके हैं. बीते दिन कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने सख्‍त लहजे में चेतावनी दी कि जमीनी विवाद पर किसी तरह की घटना हुई तो संबंधित जिले और तहसील के अफसर नपेंगे. 

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बता दें कि देवरिया में रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर को जमीनी विवाद में पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद्र यादव की हत्या हुई थी. इस हत्या का बदला लेने के लिए प्रेमचंद्र पक्ष के दर्जन भर से ज्यादा लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर हमला कर दिया. और दुबे सहित परिवार के कुल 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. एक गांव में 6 हत्याओं से पूरा प्रदेश दहल उठा. 

पूरी कहानी- एक गांव, दो घर, 6 हत्याएं... देवरिया हत्याकांड की जड़ में 10 बीघा जमीन, सिर्फ 20 मिनट में हुआ खूनी खेल

इस जघन्य हत्याकांड के बाद सत्य प्रकाश दुबे की बेटी शोभिता ने बताया कि जमीनी विवाद 2014 से चला आ रहा है. शोभिता के मुताबिक, प्रेमचंद्र यादव ने उनके चाचा को अगवा कर करीब 10 बीघा जमीन अपने नाम लिखा ली थी. जिसको लेकर सत्य प्रकाश दुबे ने कोर्ट में केस रखा था. तभी से दुबे परिवार और यादव परिवार के बीच तकरार चली आ रही थी. 

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बकौल शोभिता- उसने और उनके परिवार के लोगों के जमीनी विवाद को लेकर पुलिस, थाना, तहसील और लेखपाल के चक्कर काटे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. यहां तक कि हजार से ज्यादा बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की मगर कुछ नतीजा नहीं निकला. दारोगा, तहसीलदार ने कभी उनकी नहीं सुनी. सालों तक मामला टालते रहे और प्रेमचंद्र का पक्ष लेते रहे. जिसके चलते 2 अक्टूबर को इतनी बड़ी घटना हो गई. अगर पुलिस-प्रशासन पहले ही उनकी सुन लेता तो आज 5 लोग न मारे जाते. 

सीएम योगी ने लिया लापरवाहों पर एक्शन 

बताया जा रहा है कि शासन की रिपोर्ट में देवरिया हत्याकांड में पुलिस और राजस्व के अधिकारियों/कर्मचारियों की घोर लापरवाही एवं कर्तव्यपालन में शिथिलता संज्ञान में आई थी. जिसके बाद उनके खिलाफ यह सख्त कदम उठाया गया. विवाद को लेकर सत्य प्रकाश दुबे ने ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा के संबंध में IGRS के जरिए कई शिकायतें की थीं. पुलिस और राजस्व विभाग में भी शिकायतें भेजी थीं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों. लेकिन दोनों विभाग के संबंधित अधिकारियों ने इसे न ही गंभीरता से लिया और न ही निस्तारण कराया. 

देवरिया कांड को लेकर इन अधिकारियों/कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई

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देवरिया कांड को लेकर कई अधिकारियों/कर्मचारियों पर एक्शन हुआ है. इनमें रिटायर हो चुके लोग भी शामिल हैं. दरअसल, देवरिया का जमीनी विवाद करीब 10 साल पुराना है. ऐसे में उस समय जिन-जिन लोगों ने लापरवाही बरती सब पर कार्रवाई की गई. फिर चाहे वो रिटायर हो गया हो या फिर ट्रांसफर लेकर कहीं और चला गया हो. 

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- वर्तमान SDM योगेश कुमार गौड़ एवं CO रुद्रपुर जिलाजीत को निलंबित किया गया.
- पूर्व SDM राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला व संजीव कुमार उपाध्याय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. 
- रिटायर्ड तहसीलदार वंशराज राम एवं रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक रामानंद पाल के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई होगी. 
- अभय राज (वर्तमान में सस्पेंडेड तहसीलदार) को अतिरिक्त आरोप पत्र जारी किया जाएगा. 
- तत्कालीन तहसीलदार रामाश्रय (वर्तमान में बलरामपुर में तैनात) सस्पेंड किए गए, विभागीय कार्रवाई भी होगी. 
- तहसीलदार रूद्रपुर केशव कुमार को सस्पेंड किया गया. विभागीय कार्रवाई का आदेश. 
- राजस्व निरीक्षक विशाल नाथ यादव, क्षेत्रीय लेखपाल राजनंदनी यादव और लेखपाल अखिलेश भी सस्पेंड, विभागीय कार्रवाई का आदेश जारी. 
- मुख्य आरक्षी राजेश प्रताप सिंह, आरक्षी अवनीश चौहान, हल्का प्रभारी/उपनिरीक्षक जय प्रकाश दुबे व प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार सिंह सस्पेंड, विभागीय कार्रवाई भी होगी. 
- पूर्व में IGRS संदर्भों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले आरक्षी कैलाश पटेल, राम प्रताप कन्नौजिया, सुभाष यादव एवं पूर्व प्रभारी निरीक्षक रूद्रपुर सुनील कुमार तथा तत्कालीन सीओ रूद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई होगी. 

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सीएम योगी का अधिकारियों को सख्त निर्देश 

गौरतलब है कि बीते दिन अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम योगी ने साफ निर्देश दिया है कि पैमाइश और विरासत से संबंधित मामलों को 48 घंटे में निपटाया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि जनसमस्‍याओं के समाधान पर लापरवाही कतई बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी. जहां से भी जमीन संबंधी शिकायत आ रही है, जिले या तहसील के बड़े अफसर खुद जाकर निपटारा करें. अगर किसी ने जबरन भूमि पर कब्‍जा कर रखा है तो उस पर सख्‍त कार्रवाई करें. हर छोटी सी छोटी शिकायत पर मौके पर जाएं. 

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