
उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच जमकर बहस हुई. सदन में कार्यवाही के दौरान प्रयागराज शूटआउट मामले पर बयान दे रहे सीएम योगी ने मुलायम सिंह के बयान 'लड़कों से गलती हो जाती है' का जिक्र कर दिया, तो बीच में टोकते हुए अखिलेश ने चिन्मयानंद को लेकर सवाल पूछ लिया. इससे आगबबूला योगी बोल पड़े कि जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर पाए, उन्हें प्रदेश में सुरक्षा की बात करते शर्म आनी चाहिए. इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह यादव के राज में मायावती के साथ हुए गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया.
सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सपा के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. इसी मुद्दे को लेकर सीएम योगी और अखिलेश के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हुई.
महिलाओं के सम्मान की बात पर छिड़ा विवाद
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभिभाषण के दौरान सपा के हंगामे को लेकर कहा, मातृशक्ति की प्रतीक महिला राज्यपाल (आनंदी बेन पटेल) जब सदन को संबोधित कर रही थीं, उस समय नारे लगाना, उनको वापस जाने का कहना, असंसदीय व्यवहार करना कितना सही है? ये प्रदेश की आधी आबादी को अपमान करने जैसा है, जब सालों पहले गेस्ट हाउस कांड में घटना घटी थी, तब भी इनका आचरण सामने आया था. 'लड़के हैं, गलती कर देते हैं' ऐसे ही तमाम वक्तव्य सामने आए थे. ये लोग लोकतंत्र की बात करते हैं, ये आश्चर्यजनक स्थिति है.
चिन्मयानंद के जिक्र से भड़के योगी
इस पर अखिलेश यादव ने रेप के आरोपी चिन्मयानंद का जिक्र करते हुए कहा, ''ये भी बताएं कि चिन्मयानंद किसका गुरु है? शर्म आनी चाहिए...'' यह सुनते ही सीएम योगी भड़क गए और अखिलेश की ओर देखते हुए बोले, शर्म तुम्हें करनी चाहिए, जो अपने बाप का भी सम्मान नहीं कर पाए...''
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने तीखी बयानबाजी शुरू हो गई. यह देख सपा और बीजेपी के विधायक हंगामा करने लगे. विवाद बढ़ता देखा स्पीकर ने दोनों पक्षों को शांत कराया.
माफिया को मिट्टी में मिला देंगे: CM योगी
वहीं, विधानसभा में प्रयागराज हत्याकांड पर बोलने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ये जो अपराधी और माफिया हैं आखिर ये पाले किसके द्वारा गए हैं? क्या ये सच नहीं है कि जिसके खिलाफ FIR दर्ज है, उन्हें सपा ने ही सांसद बनाया था? आप अपराधी को पालेंगे और उसके बाद आप तमाशा बनाते हैं. हम इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.
सीएम ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उस माफिया को आपने विधायक बनाया. 2004 और 2009 में उस माफिया को सांसद बनाने का काम भी सपा ने किया. माफिया किसी भी पार्टी का हो, हमारी सरकार उसकी कमर तोड़ने का काम करेगी.
सीएम योगी ने प्रयागराज की घटना को लेकर समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने अपराधियों को माला पहनाई. उसके बाद सदन में दोषारोपण कर रहे हैं. सीएम ने कहा यह लोग माफियाओं के सरपरस्त हैं. यह लोग यही करते रहे हैं. अपराध के अलावा इनका कोई काम नहीं है.
CM की भाषा सही नहीं: अखिलेश
इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि माफिया खत्म हो, लेकिन सीएम की यह क्या भाषा है कि मिट्टी में मिला देंगे? यह भाषा सही नहीं है, क्या प्रयागराज की घटना मामूली घटना है? इस बीच सपा विधायकों के हंगामे के बीच अखिलेश यादव और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के बीच बहस हुई.
क्या है प्रयागराज का उमेश पाल हत्याकांड?
बता दें कि प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी ने धूमनगंज थाने में बाहुबली अतीक अहमद के परिवार के खिलाफ केस दर्ज कराया है. उल्लेखनीय है कि राजू पाल बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक थे और साल 2005 में उनकी हत्या कर दी गयी थी. उमेश पाल उस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. राजू पाल की हत्या में मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद गुजरात की जेल में बंद है.
मायावती ने जारी किया बयान
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी उमेश पाल हत्याकांड को लेकर बयान जारी किया है. ट्विटर पर मायावती ने लिखा कि प्रयागराज में राजू पाल हत्याकाण्ड के मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके गनर की दिनदहाड़े हत्या अति-दुखद व अति-निन्दनीय है. यह घटना यूपी सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोलती है. सरकार मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी उच्च-स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दिलाए.