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महाकुंभ भगदड़ की आधिकारिक पुष्टि में क्यों हुई देरी? CM योगी ने बताई उस रात की पूरी कहानी

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगदड़ 28 और 29 जनवरी की मध्य रात्रि को 1:15 से 1:30 बजे के बीच हुई. उस समय कुंभ क्षेत्र में पहले से ही 4 करोड़ श्रद्धालु मौजूद थे. पवित्र अमृत स्नान सुबह 4 बजे शुरू होने वाला था, इसलिए अधिकारी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने की तैयारी में जुटे थे.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (Aajtak Photo) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (Aajtak Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शिरकत की. उनसे इस दौरान महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर हुई भगदड़ और मृतकों की पुष्टि करने में हुई देरी पर अपना पक्ष रखा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि भगदड़ के बाद सरकार का ध्यान उन 8 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर था, जो उस दिन डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंचने वाले थे.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगदड़ 28 और 29 जनवरी की मध्य रात्रि को 1:15 से 1:30 बजे के बीच हुई. उन्होंने कहा, 'यह घटना उस समय हुई जब कुंभ क्षेत्र में पहले से ही चार करोड़ श्रद्धालु मौजूद थे. पवित्र अमृत स्नान सुबह 4 बजे शुरू होने वाला था, इसलिए अधिकारी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने की तैयारी में जुटे थे. हमने अनुमान लगाया था कि लगभग 8 करोड़ श्रद्धालु मौनी अमावस्या स्नान में भाग लेंगे. इसके अलावा, लगभग 2 करोड़ भक्तों को जौनपुर, मिर्ज़ापुर, भदोही, प्रतापगढ़, रायबरेली, कौशांबी, फ़तेहपुर और चित्रकूट में रोकना पड़ा.'

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हमारी प्राथमिकता घायलों को अस्पताल पहुंचाना ​था: CM योगी 

योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हमने इन सभी स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की थी, और श्रद्धालुओं के आने-जाने की व्यवस्था की थी. हमने भंडारे आयोजित किए और अगले 24 घंटों में 2 करोड़ लोगों को यहां रोका गया. आठ करोड़ लोग प्रयागराज में थे या प्रयागराज पहुंचने वाले थे. एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हमारी प्राथमिकता थी कि अगर कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है, तो हमें घायलों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए अस्पताल पहुंचाना है. घायलों (भगदड़ में) को 15 मिनट के भीतर अस्पताल ले जाया गया. गंभीर रूप से घायल 65 लोगों को अस्पताल ले जाया गया और दुर्भाग्यवश 30 लोगों की मृत्यु हो गई.'

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योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'घटना पर दुख व्यक्त करने के अलावा हमारी प्राथमिकता 8 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा थी. भगदड़ के बाद अधिकारियों से कहा गया कि वे अखाड़ों को अपने स्नान के समय में बदलाव करने का अनुरोध करें. हमने उनसे कहा कि वे श्रद्धालुओं को पहले स्नान करने दें और 12 बजे के बाद हम उनके लिए स्नान की व्यवस्था करेंगे.' उन्होंने अखाड़ों और साधु-संतों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अनुरोध पर ध्यान दिया और अनुष्ठानिक स्नान के समय को आगे ​के लिए टाल दिया. 

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योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'तब तक संगम क्षेत्र से भारी भीड़ थोड़ी कम हो चुकी थी. इसके बाद सरकार ने बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों पर ध्यान केंद्रित किया, जहां भारी दबाव था. पुलिस और मेला अधिकारियों से भगदड़ की जानकारी मीडिया और सरकार के साथ साझा करने को कहा गया. मौनी अमावस्या पर स्नान सुचारू रूप से संपन्न हो जाए, यह सुनिश्चित करने के बाद पुलिस मीडिया सेंटर पहुंची और भगदड़ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की.' योगी आदित्यनाथ ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, 'मेरा मानना ​​है कि क्राइसिस मैनेजमेंट का फर्स्ट पॉइंट है लोगों की सुरक्षा करना और घायलों का उपचार सुनिश्चित कराना. प्रशासन ने ये दोनों काम जिम्मेदारी से किए.'

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