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बड़ा खुलासा: उमेश पाल की हत्या में अतीक के बेटे को बचाने के लिए पहले ही रच ली थी साजिश!

उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य भूमिका निभाने वाले अतीक अहमद के बेटे असद को बचाने की तैयारी पहले ही कर ली गई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्लानिंग के तहत असद के फोन को लखनऊ में छोड़ दिया गया था और जिस वक्त वारदात हुई उसी वक्त लखनऊ में उसके एटीएम से पैसे निकाले गए थे.

बेटे को बचाने की पहले ही बन गई थी प्लानिंग बेटे को बचाने की पहले ही बन गई थी प्लानिंग
संतोष शर्मा
  • प्रयागराज,
  • 11 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की सरेआम हत्या की वारदात में बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद की सबसे बड़ी भूमिका मानी जा रही है. उमेश पाल पर हुए हमले में अतीक अहमद के इस बेटे को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है. 

इस हत्याकांड के 15 दिन बीत जाने के बाद खुलासा हुआ है कि घटना को अंजाम देने के बाद शूटआउट में असद की गैरमौजूदगी दिखाने का भी प्लान पहले से तैयार था. पुलिस सूत्रों के अनुसार वारदात के वक्त असद के मोबाइल का लोकेशन लखनऊ था. घटना के वक्त लखनऊ में असद के एटीएम से पैसे निकाले गए थे.

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पहले से थी पूरी प्लानिंग

आशंका है कि असद ने जानबूझकर अपना मोबाइल फोन लखनऊ स्थित फ्लैट में छोड़ दिया था. बता दें कि लखनऊ के महानगर इलाके के यूनिवर्सल अपार्टमेंट में असद अहमद का फ्लैट है.

मोबाइल फोन की लोकेशन और एटीएम कार्ड के इस्तेमाल के जरिए यह जताने की प्लानिंग थी कि वारदात से असद का कोई लेना देना नहीं है. ऐसी साजिश रची गई थी जिसमें हत्या के बाद यह बताया जाता कि असद घटना के वक्त प्रयागराज में नहीं बल्कि लखनऊ में मौजूद था.

आजतक से बातचीत में भी असद की बुआ आयशा नूरी ने बताया था घटना के वक्त असद प्रयागराज में नहीं लखनऊ में था. आशंका है कि असद के एटीएम कार्ड का इस्तेमाल उसके किसी करीबी से लखनऊ में कराया गया था.

गुमराह करने के लिए रची गई थी साजिश

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जांच टीमों को गुमराह करने के लिए इस तरह की साजिश रचने की आशंका जताई जा रही है. लखनऊ स्थित यूनिवर्सल अपार्टमेंट में छापेमारी में असद का आईफोन बरामद हुआ था.

रिपोर्ट के मुताबिक उमेश पाल की हत्या की वारदात को दिनदहाड़े इसीलिए अंजाम दिया गया था, ताकि लोग समझ सकें कि अब अतीक गैंग में उसके बाद किसका फरमान चलेगा. उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के लिए शूटरों ने वक्त, जगह और तरीका ऐसा चुना ताकि दहशत फैले. जिस तरह से अतीक अहमद के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. उसमें अतीक का तीसरा बेटा असद साफ तौर पर सामने था. 

असद क्रेटा कार से जैसे ही उतारता है, वह बिना अपना चेहरा छुपाए दौड़ते हुए पिस्टल को लोड कर फायरिंग शुरु करता है. इतना ही नहीं वह उमेश पाल को दौड़ाते हुए गली में घुसकर गोली मारता है. बिना यह चिंता किए कि उसका नाम आएगा तो अतीक के लिए मुश्किलें होंगी और उसको भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.

 

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