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आमदनी 5 करोड़ और खर्च किए 8 करोड़, कानपुर की सिपाही की खुली पोल तो हो गया बर्खास्त

कानपुर का सिपाही उस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया जब उसने दस्तावेजों में अपनी कुल आमदनी 5 करोड़ बताई लेकिन खर्च उसने 8 करोड़ रुपये दिखाया. इसी आधार पर कानपुर के भ्रष्टाचार निवारण इकाई के इंस्पेक्टर ने जांच करने के बाद सिपाही के खिलाफ चकेरी थाने में भ्रष्टाचार की अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जिसके बाद अब उसे बर्खास्त कर दिया गया. 

भ्रष्टाचार के आरोप में सिपाही बर्खास्त भ्रष्टाचार के आरोप में सिपाही बर्खास्त
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 13 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

नौकरी सिपाही की, और संपत्ति पांच करोड़ रुपये, ये सुनकर आपको थोड़ा आश्चर्य जरूर हो सकता है लेकिन कानपुर में एक ऐसा ही सिपाही भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया है. सिर्फ 11 साल की नौकरी में पकड़े गए सिपाही ने पांच करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली थी. कानपुर के बर्खास्त सिपाही के खिलाफ भ्रटाचार निवारण इकाई ने एफआईआर दर्ज की है.

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दरअसल कानपुर का यह सिपाही उस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया जब उसने दस्तावेजों में अपनी कुल आमदनी 5 करोड़ बताई लेकिन खर्च उसने 8 करोड़ रुपये दिखाया.

इसी आधार पर कानपुर के भ्रष्टाचार निवारण इकाई के इंस्पेक्टर ने जांच करने के बाद सिपाही के खिलाफ चकेरी थाने में भ्रष्टाचार की अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है. 

सिपाही के पास पांच करोड़ का बंगला

यह सिपाही उन्नाव में तैनात था जिसे अब बर्खास्त कर दिया गया है. इस सिपाही का बंगला 5 करोड़ से ज्यादा कीमत का है. चकेरी इलाके में तैनात रहे सिपाही श्याम सुशील मिश्रा के खिलाफ 2019 में रमाकांत पांडे नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसके पास आय से ज्यादा संपत्ति है.

शिकायत में कहा गया था कि सिपाही के पास करोड़ों का बंगला और गाड़ियां हैं. उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचार निवारण इकाई ने इसकी जांच शुरू की. इस दौरान सिपाही का ट्रांसफर उन्नाव में  कर दिया गया. 

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हत्या में भी भूमिका आई सामने

20 जून 2020 को कानपुर में बीएसपी के बाहुबली नेता पिंटू सेंगर की सरेआम कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी जिसमें जांच में सामने आया कि इस सिपाही ने ही लाखों की सुपारी देकर पिंटू सेंगर की हत्या कराई थी.

पुलिस ने इस सिपाही को पिंटू की हत्या के मामले में जेल भेज दिया जिसके बाद उन्नाव से ही उसे बर्खास्त कर दिया गया. इस दौरान एंटी करप्शन यूनिट के इंस्पेक्टर चतुर सिंह को सिपाही के आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच मिली. 

11 साल में जुटाई 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति

इस मामले में 4 साल तक जांच करने के बाद चतुर सिंह ने पाया की सिपाही ने 11 साल में पांच करोड़ 11 लाख रुपये की आय दिखाई जबकि जांच में 8 करोड़ 21 लाख रुपये का खर्च बताया गया. इस तरह 3 करोड़ से ज्यादा की रकम का उसकी कमाई में अंतर पाया गया.
 
चतुर सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण की धारा 13 के तहत सिपाही श्याम सुशील मिश्रा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. इस सिपाही के बारे में पता चला कि मिर्जापुर के भैंसा गांव का रहने वाला है. पुलिस में पोस्टिंग के बाद से ही अवैध कमाई में लगा हुआ था और उसने कानपुर के जाजमऊ इलाके में कई बिल्डरों से कांटेक्ट करके बड़ी-बड़ी जमीनों के सौदे किए. कई बिल्डरों के साथ मिलकर बिल्डिंग को बनवाया.

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जिस इलाके में इसका बंगला बना हुआ है उसकी कीमत 1 करोड़ 50 लाख रुपये बताई गई जबकि उस इलाके में सिपाही का बंगला लगभग 500 वर्ग गज में बना हुआ है जिसकी कीमत आज के समय में 5 करोड़ से ज्यादा है. सिपाही को अक्सर लग्जरी गाड़ियों में भी देखा जाता था. इस मामले में जब टीम जांच के लिए बंगले पर पहुंची तो कोई बंगले का गेट खोलने को भी तैयार नहीं था.

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