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कानपुर: तीन बार रेप और वीडियो कॉल पर छात्रा के कपड़े उतरवाता था स्कूल का प्रिंसिपल, अब मिली ये सजा

यूपी के कानपुर में इंटर की छात्रा से रेप और ब्लैकमेलिंग के मामले में दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट ने स्कूल के प्रिंसिपल को 20 साल की सजा सुनाई है. उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला तीन साल पुराना है. छात्रा को टीसी देने के लिए आरोपी लगातार उसका यौन शोषण कर रहा था.

कानपुर में स्कूल प्रिंसिपल को मिली सजा कानपुर में स्कूल प्रिंसिपल को मिली सजा
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 26 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

कानपुर में छात्रा से यौन शोषण के मामले में कोर्ट ने आरोपी प्रिंसिपल को 20 साल की सजा सुनाई है. इंटर की छात्रा को टीसी देने के लिए उसका यौन शोषण करने के मामले में दोषी पाए जाने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को कानपुर की एडीजे 13 की अदालत ने ये सजा दी है.

दोषी पाए गए प्रिंसिपल ने छात्रा का रेप ही नहीं किया था बल्कि उसे वीडियो कॉल कर रात में कपड़े उतरवाकर देखता था. छात्रा के वकील ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ सारे सबूत अदालत में पेश किए जिसके बाद जज ने छात्रा की गवाही को सही मानकर प्रिंसिपल को 20 साल जेल की सजा सुनाई. इतना ही नहीं उस पर 50000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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तीन साल पुराने केस में मिली सजा

मामला करीब तीन साल पुराना है. कानपुर के नौबस्ता थाने में 5 सितंबर 2020 को एक प्रतिष्ठित स्कूल के प्रिंसिपल अवधेश सिंह यादव के खिलाफ उनके ही स्कूल की इंटर पास छात्रा ने रेप का आरोप लगाया था. अवधेश सिंह प्रिंसिपल के साथ-साथ स्कूल के मालिक भी थे. उनका स्कूल कानपुर में काफी मशहूर है. 

छात्रा ने लगाए थे गंभीर आरोप

छात्रा का आरोप था कि इंटर कंप्लीट होने के बाद भी मेरी फीस बकाया बता कर टीसी नहीं दी जा रही थी. छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा था कि प्रिंसिपल ने एक दिन उसे स्कूल के पीछे बने अपने कमरे में बुलाया और कागज चेक करना का बहाना बनाकर उसे जबरदस्ती पकड़ लिया. छात्रा ने बताया था कि उसके साथ तीन बार रेप किया गया. 

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इसके बाद छात्रा को प्रिंसिपल ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया जिसके बाद मजबूर होकर उसने थाने में एफआईआर दर्ज करा दी. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने प्रिंसिपल अवधेश सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

हालांकि इस दौरान सुनवाई चलती रही और अब कानपुर के एडीजे 13  की अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी करार दिया है. प्रिंसिपल को दोषी मानते हुए कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई. इस मौके पर अदालत के बाहर खड़ी छात्रा को जब इंसाफ मिला तो उसने कहा कि मैं चाहती हूं फांसी की सजा मिले.

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