
आगरा पुलिस ने 15 लाख भारतीय नागरिकों को साइबर ठगी का शिकार होने से बचा लिया. जानकारी के मुताबिक देश-विदेश में बैठे साइबर अपराधी 38 हजार करोड़ रुपये की ठगी करने की तैयारी में थे. पुलिस आयुक्त डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने बताया की साइबर सेल ने 38 हजार करोड़ चीन और अन्य देशों में जाने से रोका है. 27 विदेशी वेबसाइट को पुलिस ने ब्लॉक करा दिया.
दरअसल कुछ महीने पहले थाना शाहगंज में एक मुकदमा अपराध संख्या 286/2023 भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 379, आईटी एक्ट की धारा 66बी और 66डी तथा कॉपीराइट एक्ट की धारा 65ए में दर्ज किया गया था. इसकी एफआईआर एक निजी कंपनी की तरफ से दर्ज कराई गई थी. जब साइबर सेल ने जांच शुरू की तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गई.
300 से 500 रुपये की सब्सक्रिप्शन फीस ली जाती थी
साइबर फ्रॉड लाइव गेम, थर्ड पार्टी एप वेब पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड कर विदेशी सर्वर से ठगी करते थे. चीन, वियतनाम से लाइव रीस्ट्रीमिंग होती थी और री स्ट्रीमिंग कराकर अवैध बैटिंग कराई जाती थी. हजारों खातों से करोड़ों रुपये की ठगी हो रही थी. आम लोगों से 300 से 500 रुपये की सब्सक्रिप्शन फीस ली जाती थी.
साइबर फ्रॉड हर दिन 80 से 100 करोड़ रुपये की कमाई कर रहे थे
करीब 4 महीने की गहराई से जांच के बाद साइबर सेल इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करने में कामयाब रही. 27 गेमिंग वेबसाइट और अलग-अलग बैंकों में खोले गए 6 हजार खातों को केंद्रीय और स्टेट एजेंसीज की मदद से बंद करवाया. पुलिस ने बताया कि चीन, रूस, वियतनाम और फिलिपींस में बैठे साइबर अपराधी ओटीटी प्लेटफॉर्म का डाटा चुरा कर लोगों से फर्जी ऐप पर बैटिंग करवा रहे थे और हर दिन 80 से 100 करोड़ रुपये की कमाई कर रहे थे.
इसके अलावा पुलिस ने बताया कि साइबर ठग 30 प्रतिशत कमिशन का लालच देकर लोगों के बैंक खाते खुलवाते थे और उन्हें 3 प्रतिशत का कमीशन देने का लालच देकर उनके खातों से हर दिन 20 से 25 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन करवाते थे. पुलिस कमिश्नर डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि विदेश में बैठे साइबर फ्रॉड अकाउंट ओपन कराने के नाम पर लोगों को फंसाते हैं.
मैच की इललीगल तरीके से रीस्ट्रीमिंग की जाती थी
बैटिंग और गेमिंग वेबसाइट पर मैच की इललीगल तरीके से रीस्ट्रीमिंग की जाती है. इसके साथ ही इस पर बैटिंग की जाती है. विदेशों में बैठे ये लोग पहले दो-तीन ट्रांजेक्शन में लोगों को अमाउंट देकर उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं. जैसे ही इनका एक बड़ा यूजर बेस तैयार हो जाता है तो ये लोग रातों रात एकाउंट को खाली कर वेबसाइट और एप बंद कर देते हैं.