
यूपी के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने हाल ही में मिर्जापुर में दलित के घर भोज किया था. जिसे लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि दलित के घर जो खाना खाया गया, उसमें से सब्जी-घी आदि बाहर से मंगवाया गया था. खाना भी चूल्हे पर बनाया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दलित परिवार का राशन कार्ड तक नहीं बना है. ऐसे में अखिलेश के आरोपों के बाद अब जिला प्रशासन हरकत में आ गया है.
आनन-फानन में दलित महिला गंगा जली देवी को गैस सिलेंडर मिल गया. इतना ही नहीं उसका राशन कार्ड भी बन गया है. साथ ही अधिकारियों ने दूसरी सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन भी उसे दिया है. एक तस्वीर सामने आई है जिसमें गंगा जली सिलेंडर और राशन कार्ड पकड़े नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि गंगा जली को परिवार समेत बाहर रहने के कारण सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया था.
दलित के घर भोज पर सियासत
दरअसल, 20 नवंबर को मंत्री नंद गोपाल नंदी ने शाहपुर गांव में दलित परिवार के घर भोज किया था. उनके साथ बीजेपी के विधायक, जिले के डीएम, एसपी समेत कई लोग मौजूद थे. खाने में कई तरह के व्यंजन परोसे गए थे. खाने के बाद मंत्री ने दलित महिला को 21 हजार रुपये दिए थे.
जब भोज की फोटो सामने आई तो अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि दलित के घर सब्जी (पनीर) और घी आदि बाहर से आया था. मंत्री सिर्फ फोटोबाजी करवा रहे हैं. उन्हें गरीब की समस्या से कोई मतलब नहीं है.
जिसपर मंत्री नंदी ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश जी को इस तरह कि छोटी और ओछी हरकतों से बाज आना चाहिए. एक गरीब व दलित के आतिथ्य का मजाक उड़ाना अक्षम्य है. उन्होंने ट्विटर (एक्स) पर लंबा-चौड़ा पोस्ट कर सपा मुखिया पर हमला बोला.
अखिलेश ने क्या कहा था?
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा था- "भाजपाई मंत्री वोट की खोज में, दलित के घर दिखावटी भोज में. एक दलित के घर बाहर से मंगवाई गई सब्जी, घी आदि को लाकर और फोटो खिंचवाकर झूठा 'दलित प्रेम' दिखलाने वाले भाजपा के मंत्री जी अपने पीछे शिकायत भरी आशाएं छोड़ गए हैं. मंत्री जी उस गरीब परिवार का कम से कम राशन कार्ड ही बनवा देते."
इसके साथ अखिलेश ने यह भी कहा- "चलो एक महीने का समय दिया अब बनवा दें, नहीं तो ये काम सपा के कार्यकर्ता करवा देंगे और वादा है जब वो राशनकार्ड बन जाएगा तो उसकी फोटो यहां जरूर डालेंगे."
अखिलेश के ट्वीट के बाद जागा प्रशासन
गौरतलब है कि अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद जिला प्रशासन की नींद खुली और उसने फौरन गंगा जली देवी को सिलेंडर मुहैया करवाया. साथ ही राशन कार्ड भी बनवा दिया. अब दूसरी सुविधाओं को भी उपलब्ध करवाए जाने की बात कही जा रही है.
पूरे मामले दलित परिवार ने क्या कहा?
'आज तक' से बात करते हुए गंगा जली देवी ने बताया कि हमने घर पर ही मंत्री जी के लिए खाना बनाया था. प्रधान के घर से सिर्फ दाल और चावल आया था. हमारा बच्चा बीमार था, इसलिए हमने प्रधान से कहा था. मंत्री जी और दूसरे लोगों ने मेरे ही घर पर बैठ कर खाना खाया था. हालांकि, गंगा जली ने ये जरूर कहा कि उसके पास राशन कार्ड नहीं है. किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला.
वहीं, गंगा जली देवी के पति उमा शंकर ने कहा कि मामले में बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है. इस पर राजनीति नही होनी चाहिए. मंत्री जी हमारे घर आए, खाना खाया. खाना हम लोगो ने उन्हें अपने हाथों से बना कर खिलाया था. बाजरे की रोटी मिट्टी के चूल्हे पर बनाई थी. पास में रखा गैस सिलेंडर रिश्तेदार के घर से मंगवाया था.
अखिलेश यादव पर मंत्री का पलटवार
नंद गोपाल नंदी ने अपने पोस्ट में लिखा- "अखिलेश जी मेरी आपको सलाह है कि इस तरह कि छोटी और ओछी हरकतों से बाज आइये. एक गरीब व दलित के आतिथ्य का मजाक उड़ाना अक्षम्य है. कहा जाता है कि जैसी दृष्टि होती है वैसी ही सृष्टि दिखती है. आपकी विश्वसनीयता और गंभीरता का थर्मामीटर दिन ब दिन पप्पू/राहुल से भी नीचे गिरता जा रहा है."
मंत्री नंदी आगे लिखते हैं- "जब दिमाग में खालीपन हो और दृष्टि विकृत हो तो चूल्हे पर सिंकती बाजरे की रोटी और बहुत प्यार से बनाया गया सरसों का साग नहीं दिखता. गंगाजली देवी जी ने जिस स्नेह और आत्मीयता से विधायकगणों, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को खाना खिलाया उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. AC में बैठकर ऊल-जुलूल, अनर्गल, अगंभीर और तथ्यहीन ट्वीट करना ही आपकी विशेषज्ञता है."
मंत्री जी इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा- "कौन भूल सकता है कि 2012 में आपने शपथ भी नहीं ली थी केवल रुझान आये थे और सपाइयों ने दलितों की कई बस्तियां जला दी थीं. अपनी सरकार में जब आपने कभी गरीब और दलित की चिंता नहीं की तो अब घड़ियाली आंसू मत बहाइये. सबको पता है कि सपा के कार्यकर्ता केवल जमीनों पर कब्ज़ा, गुण्डागर्दी और वसूली करना जानते हैं."