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दलित, आदिवासी, संत, मजदूर... देश के 150 समुदाय को अयोध्या आने का न्योता, रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में लेंगे हिस्सा

अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं. अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे.

अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है. अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

अयोध्या में नए राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेहमानों को न्योते भेजे जा रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने बेहद  सधे अंदाज में अतिथियों की लिस्ट तैयार की है. मेहमानों की सूची में करीब 150 समुदायों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है. इन सभी के पास अब न्योते मिलने की पुष्टि होने लगी है. ट्रस्ट ने दलित, आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार और मंदिर निर्माण में जुटे श्रमिकों तक को बतौर मेहमान कार्यक्रम में बुलाया है.

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बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं. अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे.  जानकार कहते हैं कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वृहद रणनीति तैयार की गई है. आरएसएस और वीएचपी के प्लान को दूसरे राम मंदिर आंदोलन के रूप में भी देखा जा रहा है. 

'VHP और RSS ने घर-घर पहुंचने का बनाया प्लान'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के नेतृत्व में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक घर-घर संपर्क अभियान चलाया जा रहा है. देशभर में अक्षत (पवित्र चावल) कलश यात्रा निकाली जा रही है. 22 जनवरी के दिन मंदिरों में धार्मिक आयोजन करने की अपील की जा रही है. धार्मिक स्थलों पर साफ-सफाई और रोशनी से जगमग करने का भी प्लान है.

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'150 समुदायों से जुड़े लोगों को आमंत्रण'

150 से ज्यादा अलग-अलग समुदायों के प्रतिनिधियों की भी लिस्ट तैयारी की गई है. इसमें प्रत्येक जिले और देशभर के अधिकांश ब्लॉक में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है. हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए संत, विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अलग-अलग समुदायों से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया है.

'दलित से लेकर झुग्गी वाले परिवार भी मेहमान'

इस सूची में दलित, आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों के नाम भी हैं. वीएचपी से जुड़े नेताओं का कहना है कि राम मंदिर निर्माण के लिए 100 रुपए तक चंदा देने वाले झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 10 परिवारों को न्योता दिया है. इसके अलावा, मंदिर निर्माण में लगे मजदूरों को भी बतौर मेहमान बुलाया गया है.

'सभी वर्गों को दिखेगा प्रतिनिधित्व'

वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि इस कार्यक्रम में पूरे देश का प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा. हमने समाज के हर वर्गों को बुलाया है. विशेषकर हासिए पर रहने वाले समुदायों का भी ध्यान रखा गया है. 

'4 हजार संत और 2500 प्रतिष्ठित नागरिक आएंगे'

सूत्रों ने बताया कि करीब 4 हजार संतों और 2500 प्रतिष्ठित नागरिकों को न्योता दिया है. विहिप का कहना है कि जब राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जा रहा था तो उसमें दलित समुदाय से आने वाले कामेश्वर चौपाल को भी सदस्य बनाया गया था. मंदिर की आधारशिला रखने के लिए भी चौपाल को चुना गया था. हालांकि, हम संतों को जाति के आधार पर नहीं बांटते हैं. लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर भाषा, क्षेत्र और समुदाय को कार्यकम में प्रतिनिधित्व मिले. 

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'एक्टर, कवि और खिलाड़ी भी होंगे मेहमान'

राम में आस्था रखने वाले प्रतिष्ठित नागरिकों में राजनेता, एक्टर, कवि, खिलाड़ी, पद्य पुरस्कार विजेताओं को भी न्योते दिए हैं. विहिप ने 22 जनवरी को कार्यक्रम लाइव दिखाने की भी तैयारी की है. देशभर में 5 लाख एलईडी स्क्रीन लगाए जाएंगे.
 

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