
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान पर सोमवार को रोक लगा दी गई थी. हाईकोर्ट ने मंगलवार (13 दिसबंर) तक के लिए रोक लगा दी थी. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रदेश के नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना पर सोमवार को लगाई गई रोक कल (बुधवार) तक जारी रहेगी.
दरअसल नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने में प्रक्रिया का पालन न करने का आरोप राज्य सरकार पर लगा था. इसके लिए अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. इसी याचिका पर न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के मुद्दे पर दाखिल की गई याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है. अब बुधवार को राज्य सरकार कोर्ट में हलफनामा देगी और तब तक यह रोक जारी रहेगी.
बुधवार तक रहेगी रोक
लोगों के बीच अटकलें लगाई जा रही थीं कि 2-3 दिनों में निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब बुधवार तक ऐलान नहीं होगा.
किस वर्ग को कितनी सीटें?
बता दें कि 17 नगर निगम में मेयर पद के लिए 2 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. इसमें 2 सीटों में एक सीट महिला के लिए रिजर्व की गई है. वहीं, उत्तर प्रदेश नगर निगम में 4 सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं. इसमें 2 सीटें महिला के लिए रिजर्व रखी गई हैं.
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं 54 सीटें
नगर निगम के अलावा यूपी में 200 नगर पालिका परिषद की सीटें हैं. इसमें अनुसूचित जाति के लिए 27 सीटें आरक्षित हैं. जबकि पिछड़ा वर्ग के लिए 54 आरक्षित हैं, इसमें 79 सीटें अनारक्षित हैं. वहीं महिला के लिए 40 सीटें आरक्षित की गई हैं.