Advertisement

Rarest of Rare Case: तीन साल की मासूम से रेप के आरोपी सगे ताऊ को कोर्ट ने दी मौत की सजा, जज ने कही ये बात

हरदोई में अपर जिला पॉक्सो कोर्ट ने तीन साल की मासूम बच्ची से रेप के आरोपी को मौत की सजा सुनाई है. इस घटना को अंजाम बच्ची के सगे ताऊ ने दिया था. अदालत ने अपने आदेश में आरोपी के अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए फांसी के फंदे पर लटकाने का हुक्म दिया. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

रेप के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा (प्रतीकात्मक- फोटो) रेप के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा (प्रतीकात्मक- फोटो)
प्रशांत पाठक
  • हरदोई ,
  • 05 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के हरदोई में अपर जिला पॉक्सो कोर्ट ने तीन साल की मासूम बच्ची से रेप के आरोपी को मौत की सजा सुनाई साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में आरोपी के अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए फांसी के फंदे पर लटकाने का हुक्म दिया. करीब चार साल चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष की दलील और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने पूरे मामले को जघन्य अपराध मानकर मृत्यु दंड की सजा सुनाई है. इस घटना को अंजाम बच्ची के सगे ताऊ ने दिया था. कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि ऐसे नरपिशाच समाज के लिए घातक हैं. 

Advertisement

बताया जा रहा है कि घटना के बाद से बच्ची की हालत अब तक खराब है, दिल्ली के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. पॉक्सो कोर्ट के अपर जिला जज मोहम्मद नसीम की अदालत में 35 साल के आरोपी ईश्वर पाल उर्फ इशू को नाबालिग से रेप के आरोप में मौत की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. दरअसल 28 जुलाई 2020 में सांडी थाने में आरोपी पर उसकी भतीजी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज़ किया गया था. आरोपी अपनी भतीजी को घुमाने की बात कहकर घर से ले गया था और दुष्कर्म करने के बाद घर में छोड़ गया था. 

बच्ची से रेप के आरोपी को कोर्ट ने दी मृत्यु दंड की सजा

मासूम बालिका को खून से लथपथ देखकर परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन तबतक आरोपी फरार हो चुका था. लेकिन वारदात के कुछ दिन बाद पुलिस ने आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिफ्तार किया था. मासूम की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हरदोई से लखनऊ भेजा गया था. जहां से दिल्ली के लिए रेफर कर दिया था. अब तक बच्ची का इलाज चल रहा है. 

Advertisement

अभियोजन पक्ष से सरकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि चार साल चली कानूनी लड़ाई में आठ गवाहों के बयान और ठोस साक्ष्यों को अदालत में पेश किया. इनमें मासूम बालिका की गवाही सबसे महत्वपूर्ण रही उसने गंभीर हालत में अदालत में पहुंचकर आरोपी के खिलाफ गवाही दी थी.

कोर्ट ने अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर माना

आरोपी पक्ष के वकील रामेन्द्र सिंह तोमर ने भी आरोपी के पक्ष में तमाम दलीलें दी लेकिन अभियोजन पक्ष की ठोस पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर सोमवार को अदालत ने आरोपी को मौत की सजा दी. आरोपी ईश्वर पाल को मृत्यु दंड और एक जुर्माने की सजा सुनाई गई. अदालत ने अपने आदेश में आरोपी के अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए उसको तब तक फांसी के फंदे पर लटकाने का हुक्म दिया है जब तक उसकी मौत न हो जाए. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement