
उत्तर प्रदेश के जनपद देवरिया में धान खरीद में क्रय केंद्र प्रभारियों द्वारा बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के लिए एक बहुत बड़ा नेक्सस काम कर रहा है. डीएम जे पी सिंह की ऑनलाइन समीक्षा के दौरान यह खेल उस समय उजागर हुआ जब एक छोटे आकार के कमरे/ गोदाम में हज़ारों कुंतल धान को रखने की बात सामने आई. इसके बाद 54 क्रय केंद्रों की एक साथ जांच की गयी. जांच में तीन क्रय केंद्रों पर भारी अनियमितता पायी गयी. यहां पर स्टॉक के मुताबिक 16,507 कुंतल धान कम पाया गया या यूं कहें कि गायब मिला. इसमें तीन क्रय केंद्र प्रभारियों अभिषेक गुप्ता,दीपक गुप्ता और मकसूद आलम के खिलाफ धारा 419, 420 के तहत विभाग के अधिकारियों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. डीएम ने बताया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जाएगा.
गोदाम की लंबाई चौड़ाई जानकर हुआ शक
गौरतलब है कि जनपद में कुल 93 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं. जिलाधिकारी द्वारा धान खरीद की समीक्षा बैठक की गई. इस दौरान UPSS क्रय केंद्र रुस्तमपुर के ऑनलाइन आंकड़े को देखा तो हैरान हो गए. यहां 1270.78 मीट्रिक टन धान खरीद की गई. इसमें से 242 मीट्रिक टन धान मिलर को भेजी गई 10284 कुंतल धान गोदाम में पड़ा है. डीएम ने गोदाम की लंबाई चौड़ाई पूछी तो 15×12 फीट बताया गया, जिसपर उनको शक हुआ कि इतनी छोटी जगह इतना धान कैसे रखा जा सकता है.
3896 कुंटल धान कम पाया गया
इसके बाद मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम गठित कर जनपद के 54 क्रय केंद्रों की एक साथ जांच कराई तो भारी अनियमितता पायी गयी. इसमें सबसे अधिक UPSS के क्रय केंद्र भलुअनी क्षेत्र के बंजरिया में 3896 कुंटल धान कम पाया गया, रामपुर कारखाना के क्रय केंद्र रुस्तमपुर में 10284 कुंतल तथा PCF क्रय केंद्र परसिया छितनी सिंह में 2198 कुंतल धान गायब मिला. इसमें रूस्तपुर क्रय केंद्र प्रभारी दीपक गुप्ता, बंजरिया के केंद्र प्रभारी अभिषेक गुप्ता और परसिया छितनी सिंह के प्रभारी मकसूद आलम के खिलाफ थाना रामपुर कारखना, थाना भलुअनी और थाना खामपार में 419 और 420 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है. साथ ही उक्त तीनों गोदामों को सील कर दिया गया है.
तीन करोड़ रुपये के धान का घपला
आपको बता दें कि जो धान खरीद होती है वह या तो गोदाम में होनी चाहिए या राइस मिलर के यहां भेजी जानी चहिए. यह सभी स्टॉक रजिस्टर में मेंटेन होता है लेकिन इन तीनों गोदामों में न तो गोदाम में धान मिला है और न ही राइस मिलर को भेजी गई है. जिससे लगभग तीन करोड़ रुपये के धान के घपले किये जाने की बात सामने आ रही है.
सरकार द्वारा किसानों से 2044 रुपया प्रति कुंतल की दर से धान खरीद की जानी थी, लेकिन इसमें क्रय केंद्र प्रभारी व कुछ अधिकारियों की मिलिभगत कर बिचौलियों से बड़े पैमाने पर धान खरीद की जाती है. जो किसानों से 14 से 15 सौ रुपये कुंतल में खरीदते हैं और क्रय केंद्रों पर सरकारी रेट पर बेचते हैं. इसमें बिचौलियों के साथ-साथ क्रय केंद्र प्रभारी व इससे जुड़े अधिकारियों को एक मोटी रकम जाती है इसमें कुछ किसान भी मिले होते है जिनके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है और धान खरीद के लक्ष्य के आंकड़े को पूरा कर लिया जाता है.
कृषि मंत्री के गृह जनपद में भी धान खरीद में गड़बड़ी
आपको बता दें कि इस सत्र में धान खरीद का लक्ष्य कुल अठारह लाख कुंटल रखा गया है जिसके तहत अभी धान की खरीद साढ़े आठ लाख कुन्तल के लगभग खरीद हुई है. सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम यह है कि प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के गृह जनपद देवरिया में धान खरीद में गड़बड़ी उजागर हुई है तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के अन्य जिलों में धान खरीद की स्थिति क्या होगी.