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देवरिया हत्याकांड: दोनों परिवारों की बेटियों की जुबानी, 20 मिनट के कत्लेआम की कहानी

Deoria News: एक तरफ प्रेमचंद्र यादव की तीन बेटियां और पत्नी हैं तो दूसरी तरफ सत्य प्रकाश दुबे की बेटी और बेटा है. दोनों ही पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं. दोनों ही इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं दोनों परिवारों की बेटियों ने क्या-कुछ कहा...  

मृतक प्रेमचंद्र की बेटी (बाएं) और मृतक सत्य प्रकाश की बेटी (दाएं) मृतक प्रेमचंद्र की बेटी (बाएं) और मृतक सत्य प्रकाश की बेटी (दाएं)
राम प्रताप सिंह
  • देवरिया ,
  • 04 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

यूपी के देवरिया जिले में दो परिवारों के बीच हुए हत्याकांड ने लोगों को डराकर रख दिया है. आखिर क्या हुआ था उस दिन, कैसे दो परिवारों में खूनी जंग हुई? कत्लेआम के उन 20 मिनट को लेकर दोनों परिवारों के क्या दावे हैं? इस बारे में दोनों ही परिवारों की बेटियों ने अपने-अपने दावे किए. उसके मुताबिक जमीनी विवाद में प्रेमचंद्र यादव की पहले हत्या कर दी गई. इस हत्या का बदला लेने के लिए प्रेमचंद्र के पक्ष के लोगों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर हमला कर दिया. और दुबे समेत परिवार के 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. ये सब महज 20 से 25 मिनट में हुआ. अब दोनों परिवारों में कोहराम मचा हुआ है. एक तरफ प्रेम यादव की तीन बेटियां और पत्नी हैं तो दूसरी तरफ सत्य प्रकाश की बेटी और बेटा है. दोनों ही पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं. दोनों ही इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं दोनों परिवारों की बेटियों ने क्या-कुछ कहा...  

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इस हत्याकांड में दुबे फैमिली के 5 लोगों की हत्या करने को लेकर प्रेमचंद्र यादव का पक्ष घिरा हुआ है. पुलिस ने जमीन तक की पैमाइश की है और बुलडोजर चलने की अटकलें लग रही हैं. लेकिन दूसरी ओर, रुद्रपुर थाना के फतेहपुर लेड़हा गांव में जमीनी विवाद में मारे गए पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद्र यादव की बेटी अलका और पत्नी शीला यादव ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. प्रेमचंद्र की बेटी अलका ने कहा कि पापा के पास सोमवार की सुबह कॉल आया था. पापा घर से बाइक लेकर उनके (सत्य प्रकाश दुबे) घर की तरफ गए. वहां उन लोगों ने पापा की हत्या कर दी. अगर उनका (सत्य प्रकाश) बेटा चाहता है कि सबको फांसी हो तो मैं भी चाहती हूं कि पापा के हत्यारों को फांसी हो. 
 
प्रेमचंद्र यादव की बेटी ने और क्या कहा?

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प्रेमचंद्र के बेटी ने आगे कहा- उनकी पहले से ही प्लानिंग थी. पापा खेत पर बाइक खड़ा किए थे. वो लोग बाइक लेकर अपने घर चले गए. जब पापा बाइक लेने गए तो उन लोगों ने उन्हें जान से मार दिया. अगर उन्हें (सत्य प्रकाश के घरवालों को) इंसाफ चाहिए तो हमको भी इंसाफ चाहिए. जैसे वो चाहते हैं कि हमारी फैमिली को फांसी हो वैसे मैं भी चाहती हूं कि उनको फांसी हो.

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प्रेमचंद्र की एक बेटी अर्चना ने कहा- पापा जब कभी कहीं जाते तो उनके साथ दो-तीन लोग होते थे. लेकिन घटना वाले दिन वह फोन आने पर अकेले ही चले गए. जहां पहुंचते ही उन्हें मार दिया गया. इतना कहकर अर्चना रोने लगती है. 

लाश को गड्ढे में दफन करना चाहते थे: प्रेमचंद्र की पत्नी 

वहीं, प्रेमचंद्र की पत्नी शीला ने कहा- घटना वाले दिन सुबह उनको फोन आया था. चाय देने गई तो बोले लौटकर आता हूं. बाइक स्टार्ट की और निकल गए. कुछ देर बाद खबर आई कि उनको मार दिया है. ससुर मौके पर गए थे. हमें नहीं पता कि बाकी लोग कब उनके (सत्य प्रकाश) घर पहुंचे. हमारी तीन लड़कियां हैं, कहां लेकर जाएं. आप पता कर लीजिए मेरे आदमी झगड़ा-लड़ाई नही करते थे. जमीन का विवाद काफी दिन से था.

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प्रेमचंद्र की पत्नी शीला

मृतक प्रेमचंद्र की पत्नी के अनुसार, आरोपी उनके पति को मारने के बाद गड्ढे में दफन करना चाहते थे, लेकिन इतने में उनके ससुर मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि जमीनी विवाद के चलते सत्य प्रकाश की पत्नी उनकी पति को मरवाना चाहती थी. 

सत्य प्रकाश दुबे की बेटी ने की ये मांग 

मामले में सत्य प्रकाश दुबे सत्य प्रकाश दुबे की बेटी शोभिता का बयान भी सामने आया है. शोभिता की शादी हो चुकी है और घटना वाले दिन वो ससुराल में थी. बकौल शोभिता- 2014 में मेरे चाचा को अगवा करके प्रेमचंद्र यादव ने जमीन अपने नाम लिखवा ली थी. तभी से उसने परिवार को खत्म करने का प्लान बना रखा था, उसमें वो सफल भी हो गया. इसमें रुद्रपुर के तहसीलदार, एसडीएम और एसओ की लापरवाही रही. क्योंकि हम उन्हें जब कभी शिकायत करते थे, वो एक्शन नहीं लेते थे.  

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शोभिता ने बताया कि जमीन विवाद मामले में 4 अक्टूबर को प्रेम यादव के पक्ष के लोगों की कोर्ट में पेशी थी, लेकिन उससे पहले परिवार को खत्म कर दिया गया. शोभिता ने कहा- शासन-प्रशासन ने इस देश के संविधान को नौटंकी बनाकर रख दिया है. मेरी मांग है कि इन माफियाओं के चंगुल से हमारी पैतृक सम्पत्ति को मुक्त कराया जाए. जैसे हमारी फैमली को खत्म किया है वैसे ही माफिया के गैंग को फांसी दी जाए या एनकाउंटर किया जाए. बुलडोजर भी चलाया जाए. 

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सत्य प्रकाश के एक मात्र जिंदा बचे बेटे देवेश ने कही ये बात 

घटना वाले दिन देवेश पूजा-पाठ करवाने दूसरे जिला गया था. इसलिए उसकी जान बच गई. देवेश ने रोते हुए कहा- उस दिन मेरे भाई का जन्मदिन था. उसने गिफ्ट मांगा था. मैंने कहा लौटकर आऊंगा तो दूंगा. वापस आया तो पूरे परिवार की लाश मिली. मुझे नहीं पता था कि ये लोग अचानक इस प्रकार का कांड कर देंगे. मेरा तो पूरा ही समाप्त हो गया. मैं चाहता हूं कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए. 

फिलहाल, सत्य प्रकाश दुबे की बड़ी बेटी शोभिता की तहरीर पर 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना रुद्रपुर थाने में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है. इसमें से 16 लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि, दूसरे पक्ष यानी प्रेमचंद्र यादव के घरवालों ने भी सत्य प्रकाश दुबे पक्ष के 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

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