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Kanpur: गंगा नदी में डूब गए डिप्टी डायरेक्टर, गोताखोर जान बचाने के बदले ट्रांसफर कराते रहे 10 हजार रुपये

कानपुर के नाना मऊ घाट पर शनिवार को उन्नाव के रहने वाले यूपी के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्त प्रदीप तिवारी के साथ गंगा नहाने गए थे. उनके दोस्तों का कहना है कि उन्होंने फोटो खींचने के लिए कहा. फोटो खींचने के दौरान ही अचानक उनका पैर नदी के गड्ढे में चला गया और वह डूबने लगे.

आदित्य वर्धन सिंह की गंगा नदी में डूबने से मौत. आदित्य वर्धन सिंह की गंगा नदी में डूबने से मौत.
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 01 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर से शर्मनाक घटना सामने आई है. गोताखोर बिना पैसे लिए बचाने को तैयार नहीं हुआ, जिससे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की डूबने से मौत हो गई. उनके दोस्तों ने गोताखोरों से मदद मांगी, लेकिन गोताखोरों ने 10 हजार रुपये की मांग की. दोस्तों ने जब तक पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए, तब तक आदित्य वर्धन सिंह की जान चली गई.

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जानकारी के मुताबिक, कानपुर के नाना मऊ घाट पर शनिवार को उन्नाव के रहने वाले यूपी के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्त प्रदीप तिवारी के साथ गंगा नहाने गए थे. उनके दोस्तों का कहना है कि उन्होंने फोटो खींचने के लिए कहा. फोटो खींचने के दौरान ही अचानक उनका पैर नदी के गड्ढे में चला गया और वह डूबने लगे. 

ये भी पढ़ें- UP: पानी से भरे गड्ढे में गिरे दो मासूम भाई, एक को बचाने में दूसरे की भी गई जान

 बिना पैसे लिए गोताखोर बचाने को नहीं हुआ तैयार

उनको डूबता देख दोस्तों ने तुरंत घाट पर खड़े गोताखोरों से कहा, उनको बचा लो. गोताखोरों ने कहा हमको पहले 10 हजार रुपये दो. दोस्तों ने कहा कि हमारे पास कैश नहीं है. हम ऑनलाइन ट्रांसफर कर देंगे, लेकिन गोताखोरों ने पहले बगल के दुकानदार शैलेश कश्यप के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए  कहा.

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मृतक की पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज है

10 हजार ट्रांसफर होते ही गोताखोर बचाने के लिए आगे बढ़े, लेकिन तब तक आदित्य वर्धन सिंह गंगा में समा चुके थे. बता दें कि आदित्य वर्धन सिंह लखनऊ के इंदिरा नगर में रहते थे. उनकी बहन और माता-पिता भी विदेश में है. उनके भाई बिहार सरकार के सचिव अनुपम सिंह मौके पर आ गए थे. उनकी पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज है.

सूचना मिलते ही आदित्य वर्धन सिंह को ढूंढने पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ की टीम और गोताखोर आए, लेकिन रात तक उनकी बॉडी नहीं मिली. पैसा लेने वाले शैलेश गौतम का कहना है, गोताखोर पैसे मांग रहे थे. उनके पास अकाउंट नहीं था, तो उन्होंने मेरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराए थे. जो मैंने वापस कर दिया है. 

मामले में एडीसीपी ने कही ये बात

एडीसीपी बृजेंद्र द्विवेदी का कहना है, आदित्य वर्धन सिंह के डूबने की सूचना पर एसडीआरएफ की टीम, गोताखोर और पुलिस मौके पर पहुंची है. देर रात तक उनको तलाशते रहे मगर शव का पता नहीं चला है. अभी सुबह से फिर उनको तलाश में का अभियान चलाया जाएगा.

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