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अखिलेश यादव को बड़ा झटका, धर्म सिंह सैनी आज सपा छोड़ बीजेपी में करेंगे ज्वॉइन, सीएम योगी की मौजूदगी में घर वापसी

बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में खुद को मजबूत करने और समाजवादी पार्टी के किले को कमजोर करने के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में बीजेपी आज सपा का पहला झटका देने जा रही है. दरअसल बीजेपी से सपा में आए पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता धर्म सिंह सैनी आज फिर से बीजेपी में लौट जाएंगी. वह सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पार्टी ज्वॉइन करेंगे.

धर्म सिंह सैनी ने इस साल जनवरी में ही बीजेपी छोड़ ज्वॉइन की थी सपा (फाइल फोटो) धर्म सिंह सैनी ने इस साल जनवरी में ही बीजेपी छोड़ ज्वॉइन की थी सपा (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 30 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST

बीजेपी समाजवादी पार्टी को आज पश्चिमी यूपी में एक बड़ा झटका देने जा रही है. सहारनपुर से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी खतौली में जनसभा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन करेंगे. इसे पश्चिमी यूपी के पिछड़ों में बीजेपी बड़ी सेंध मानी जा रही है. इसे सैनी की बीजेपी में घर वापसी कही जा रही है.

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दरअसल सैनी ने पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाकर विधानसभा चुनाव के पहले अखिलेश यादव का दामन थाम लिया था. उस समय सैनी बीजेपी सरकार में आयुष मंत्री थे. ऐसा कहा जा रहा है कि सहारनपुर से चुनाव हारने के बाद से धर्म सिंह सैनी को सपा में साइड लाइन कर दिया गया था.

सैनी में बीजेपी पर तब ये लगाए थे आरोप

धर्म सिंह सैनी ने कहा था, 'मैंने इसलिए बीजेपी छोड़ी, क्योंकि मेरी किसी भी तरह की बात नहीं सुनी गई. संगठन के पदाधिकारियों की भी नहीं सुनी गई. 140 विधायकों ने जब धरना दिया था तब सब धमकाए गए थे, तभी सबने तय किया था कि उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.'

सैनी ने यह भी दावा कि था हर दिन एक मंत्री और उसके साथ 2 से 3 विधायक बीजेपी छोड़ेंगे. तब चुनाव से पहले बीजेपी के करीब 20 नेताओं ने बीजेपी छोड़ दी थी.

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2019 में बीजेपी सरकार के खिलाफ दिया था धरना

साल 2019 में बीजेपी के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए थे. हालांकि, सरकार और विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद विधायकों ने धरना खत्म कर दिया था. 

315 वोटों के अंतर से हार गए थे चुनाव

डॉ.धर्म सिंह सैनी एक ही सीट से लगातार चार बार विधायक रहे हैं. वह पहली बार 2002 में बसपा से सरसावा (अब नकुड़) विधानसभा सीट से विधायक बने. इसके बाद 2007 फिर 2012 के चुनाव में (अब नकुड़) बसपा से तीसरी बार विधायक चुने गए. इसके बाद 2016 में उन्होंने अपना बैनर चेंज कर दिया. वह 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े और चौथी बार चुनाव जीता. फिर 2022 में विधानसभा चुनाव में पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने नकुड़ से चुनाव लड़ा लेकिन वह बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश चौधरी से 315 वोटों के अंतर से हार गए थे.

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