Advertisement

'जब दोनों ने एक-दूसरे को अपनाया...', बोलीं धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ बताने वाली शिवरंजनी

मध्य प्रदेश के सिवनी की रहने वाली शिवरंजनी ने गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक के लिए सिर पर कलश रखकर पदयात्रा शुरू की है. आज वो यूपी के बांदा जिले में पहुचीं. यहां संकट मोचन हनुमान मंदिर में रुकीं और साधु संतों से आशीर्वाद लिया. साथ ही अपनी मनोकामना को लेकर बात की.

धीरेंद्र शास्त्री और शिवरंजनी तिवारी. (फाइल फोटो) धीरेंद्र शास्त्री और शिवरंजनी तिवारी. (फाइल फोटो)
सिद्धार्थ गुप्ता
  • बांदा,
  • 08 जून 2023,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

गंगोत्री से कलश यात्रा लेकर बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के दरबार के लिए निकली मेडिकल की स्टूडेंट शिवरंजनी गुरुवार को बांदा पहुचीं. यहां वो संकट मोचन हनुमान मंदिर में रुकीं. इस दौरान मंदिर के साधु संतों से आशीर्वाद लिया. शुक्रवार को वो कलश लेकर बागेश्वर धाम के लिए रवाना होंगी. 

बता दें कि 20 साल शिवरंजनी इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. वो अपनी मनोकामना का कलश लेकर बागेश्वर जा रही हैं. साथ ही बाबा धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ बता रही हैं. दूसरी ओर बाबा बागेश्वर उन्हें बिटिया बता रहे हैं. इसको लेकर जब शिवरंजनी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो ऐसे किसी बयान से अवगत नहीं हैं.

Advertisement

'मैं उन्हें प्राणनाथ बोलती हूं, वो मेरे प्राणनाथ हैं'

वहीं, 'धीरेंद्र शास्त्री ने शादी से इनकार कर दिया तो आप क्या करेंगी' के सवाल पर मुस्कुराते हुए कहा, "मैंने तो कभी कहा ही नहीं कि मैं शादी करने जा रही हूं या शादी का प्रस्ताव लेकर जा रही हूं. मैं तो उन्हें प्राणनाथ बोलती हूं. वो मेरे प्राणनाथ हैं, आगे भी रहेंगे. मैं उन्हें भगवान मानती हूं. इसलिए उन्हें प्राणनाथ बोलती हूं. मेरी कोशिश है कि मैं 16 जून को उनके धाम पहुंच जाऊं, मगर गर्मी बहुत ज्यादा है, इसलिए एक दो दिन आगे पीछे हो सकते हैं". 

'इधर से प्रेम चला, उधर से प्राण सिधारे'

इसके बाद उन्होंने शादी से इनकार करने वाली बात पर शायरी के जरिए कहा, "इधर से प्रेम चला, उधर से प्राण सिधारे. दोनों ही मिल गए एक मंदिर के द्वारे, जब दोनों ने एक दूसरे को अपनाया, पता नहीं किसने कौन समाया. प्रेम तत्व के सिंधु में जब प्राण बिंदु खो गए, अलख निरंजन त्याग कर पंच तथ्य में खो गए".

Advertisement

'महाराज जी मेरी मनोकामना पर्ची पर लिख देंगे'

साथ ही कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के वीडियो देखने पर मन में ऐसा ख्याल आता है, "मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारूं मैं गिरिधर तेरी आरती, तेरी आरती...". शिवरंजनी ने आगे कहा, "मैं मेडिकल की स्टूडेंट हूं. यात्रा गंगोत्री से निकली है, बागेश्वर धाम जा रही है. बाबा को फरवरी 2021 से जानती हूं और उन्हें फॉलो भी करती हूं. अभी तक कभी नहीं मिली हूं. बाबा भगवान के रूप में दिखते हैं. जब मैं उनसे मिलूंगी तो महाराज जी मेरी मनोकामना पर्ची पर लिखकर देंगे".

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement