
मैनपुरी लोकसभा का उपचुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद डिम्पल यादव ने संसद सदस्य के तौर पर शपथ ली. वे अपने पति और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ दिल्ली में स्थित संसद भवन पहुंचीं थीं. सदन की शपथ लेने के बाद डिंपल ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया.
मैनपुरी उपचुनाव में डिम्पल ने बीजेपी के रघुराज शाक्य को 2,88,461 वोटों से हराया था. मैनपुरी सीट के लिए लगाया गया बीजेपी का सारा सियासी गणित फेल हो गया था. अपनी जीत के बाद डिम्पल ने कहा था, 'मैनपुरी की जनता और उन तमाम लोगों का शुक्रिया, जिन्होंने हमें समर्थन दिया है. मैनपुरी की जनता ने इतिहास रचा है. यह जीत नेताजी की जीत है और हमारी यह जीत नेताजी को श्रद्धांजलि के तौर पर उन्हें समर्पित है.'
डिम्पल यादव की जीत के बाद एक बड़ा घटनाक्रम और हुआ था. अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का सपा में विलय कर दिया था. सैफई में अखिलेश ने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की थी और एसपी चीफ ने उन्हें पार्टी का झंडा थमा दिया था. इस मौके पर सपा और प्रसपा के सैकड़ों समर्थकों ने खूब तालियां बजाईं थीं.
जसवंतनगर में मिले सबसे ज्यादा वोट
मैनपुरी उपचुनाव में सबसे अहम बात यह रही थी कि शिवपाल यादव के इलाके जसवंत नगर विधानसभा में डिम्पल यादव को बड़ी बढ़त मिली थी. यहां डिम्पल को सबसे ज्यादा वोट मिले थे. मैनपुरी में 54.37 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2019 में हुए आम चुनाव में मतदान का यह प्रतिशत 57.37 प्रतिशत था.
लोकदल और JDU ने किया था समर्थन
बता दें कि मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रहीं डिंपल यादव को जनता दल यूनाइटेड के अलावा लोकदल ने भी समर्थन देने का ऐलान किया था. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने आजतक से कहा था कि लोकदल और सपा के पुराने रिश्ते रहे हैं. लोकदल ने हमेशा मुलायम सिंह यादव का मान रखा है, इसी नाते लोकदल ने डिंपल यादव को अपना समर्थन दिया था.