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'जमीन मालिक को करें 235 करोड़ मुआवजे का भुगतान', DLF को नोएडा अथॉरिटी ने भेजी नोटिस

नोएडा अथॉरिटी ने रियल इस्टेट डेवलपर डीएलएफ को नोटिस जारी किया है. नोएडा अथॉरिटी की ओर से जारी नोटिस में उस जमीन के पुराने मालिक को 235 करोड़ रुपये का मुआवजे के तौर पर भुगतान करने के लिए कहा गया है, जिस जमीन पर डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया का निर्माण हुआ है. अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये नोटिस जारी की है.

रितु माहेश्वरी (फाइल फोटो) रितु माहेश्वरी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST

नोएडा अथॉरिटी ने रियल इस्टेट डेवलपर DLF को नोटिस जारी किया है. नोएडा अथॉरिटी ने रियल इस्टेट डेवलपर डीएलएफ को नोटिस जारी कर उस जमीन के पुराने मालिक को 235 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा है जिस जमीन पर मॉल ऑफ इंडिया का निर्माण हुआ है. नोएडा अथॉरिटी की ओर से ये नोटिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी की गई है.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डीएलएफ ने कहा है कि उन्हें अभी नोएडा अथॉरिटी की ओर से जारी की गई नोटिस नहीं मिली है. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने डीएलएफ को मुआवजे के भुगतान के लिए नोटिस जारी किए जाने की पुष्टि की है. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा है कि हां, नोटिस जारी की गई है.

नोएडा अथॉरिटी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक किसान को मुआवजे का भुगतान करने के लिए डीएलएफ को 23 दिसंबर के दिन ही नोटिस जारी कर दी गई थी. अधिकारी के मुताबिक डीएलएफ से मुआवजे का भुगतान 15 दिन के भीतर करने के लिए कहा गया है. वहीं, इसे लेकर डीएलएफ ने भी बयान जारी किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक DLF के प्रवक्ता ने बयान में कहा है कि हमें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिली है. जब हमें नोटिस मिलेगी, तब इसका आकलन किया जाएगा. गौरतलब है कि मामला नोएडा के व्यावसायिक हब सेक्टर 18 का है. रियल इस्टेट डेवलपर डीएलएफ का मॉल ऑफ इंडिया नोएडा के सेक्टर 18 में स्थित है.

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नोएडा सेक्टर 18 में जिस जगह मॉल ऑफ इंडिया का निर्माण हुआ है, उस जमीन का नोएडा अथॉरिटी ने अधिग्रहण किया था. इस जमीन का अधिग्रहण नोएडा अथॉरिटी ने यूपी सरकार औद्योगिक विकास विभाग के प्रावधानों के तहत साल 2005 में किया था जिसे बाद में नीलामी में डीएलएफ को आवंटित कर दिया गया था.

जमीन अधिग्रहण के बाद मु्आवजे के एक बड़े हिस्से का भुगतान इसके मालिक वीराना रेड्डी को नहीं किया गया. इसके बाद वीराना रेड्डी ने कोर्ट का रुख किया. निचली अदालत से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक वीराना रेड्डी ने कानूनी लड़ाई लड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को जमीन मालिक को 235 करोड़ रुपये के मुआवजे का आदेश दिया था.

नोएडा अथॉरिटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन भी दाखिल की गई थी जिसे सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया था. इसके बाद नोएडा अथॉरिटी की पिछली बैठक में किसान को मुआवजे का भुगतान करने को मंजूरी दे दी गई थी. इसके बाद ही अथॉरिटी की ओर से डीएलएफ को नोटिस जारी की गई है.

 

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