
देश में मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार ईद-उल-फितर आज मनाया जा रहा है. एक दिन पहले ही शिया चांद कमेटी ने इसका ऐलान किया था. ईद का चांद शुक्रवार को देखा गया था. बता दें कि ईद-उल-फितर का त्योहार रमजान महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है. ईद उल-फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन इसे मनाया जाता है.
रमजान के आखिरी दिन दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय ईद मनाता है. इसमें धर्मार्थ कार्य किए जाते हैं. इसमें गरीबों को खाना खिलाना और दान देना शामिल है. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को गले लगाते हैं. ईद के त्योहार के साथ ही रोजे और इबादत का महीना समाप्त हो जाता है.
भाईचारे का प्रतीक है ईद उल फितर का त्योहार
बता दें कि मुसलमानों का यह त्योहार भाईचारे का प्रतीक है. इस दिन लोग शांति और सुख-समृद्धि के लिए दुआएं मांगते हैं. दुनिया भर में ईद के इस त्योहार को हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है. ईद की तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण साल-दर-साल बदलती रहती है. यह कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है. इसमें चांद की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार दिनों की गिनती की जाती है.
जानिए इस दिन क्या किया जाता है
ईद-उल-फितर रमजान के रोजा की समाप्ति पर सुबह से शाम तक मनाया जाता है. दुनिया भर के मुसलमान उत्साह के साथ त्योहार मनाते हैं. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और सबसे पहले नमाज पढ़ने मस्जिद में जाते हैं. घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं. इसमें बिरयानी, कबाब और मीठी सेवई का विशेष महत्व होता है. साथ ही इस दिन घर से बड़े सदस्यों की ओर से छोटों को उपहार भी दिए जाते हैं, जिसे ईदी कहा जाता है.